खजुराहो। राज्य मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को हुई बैठक में अधोसंरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई और औद्योगिक विकास से जुड़े कई अहम प्रस्तावों को हरी झंडी दी। फैसलों का सीधा असर आने वाले वर्षों में प्रदेश की विकास योजनाओं पर दिखेगा।
अग्निशमन सेवाओं के आधुनिकीकरण पर 397 करोड़ का प्रस्ताव मंजूर
फायर सर्विस नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 397.54 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति मिली है। इसमें 75% राशि केंद्र और 25% राज्य सरकार वहन करेगी। योजना के तहत उपकरण, वाहन और त्वरित आपदा प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ाई जाएगी।
सागर–दमोह रोड बनेगा चार लेन, 2059 करोड़ की परियोजना मंजूर
76.68 किमी लंबे सागर-दमोह मार्ग को चार लेन में अपग्रेड किया जाएगा। परियोजना HAM मॉडल पर लागू होगी और 40% लागत राज्य सड़क विकास निगम वहन करेगा। योजना में 13 अंडरपास, 3 बड़े पुल, 9 मध्यम पुल और एक ROB शामिल होंगे।
600 युवाओं को जापान-जर्मनी में रोजगार का मौका, SIB मॉडल को मंजूरी
अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग की योजना के तहत 600 युवाओं को दो वर्षों में जापान और जर्मनी भेजा जाएगा। इसके लिए सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड (SIB) मॉडल को मंजूरी दी गई है।
नौरादेही बनेगा तीसरा चीता आवास
सरकार ने सागर के नौरादेही अभयारण्य को राज्य का तीसरा चीता आवास घोषित करने पर सहमति दी। इस समय कूनो व गांधी सागर अभयारण्य में कुल 31 चीते मौजूद हैं। जनवरी 2026 में बोत्सवाना से 8 और चीतों के आने की संभावना है।
12 स्वास्थ्य संस्थाओं का उन्नयन, 345 पद स्वीकृत
राज्य की 12 स्वास्थ्य इकाइयों के उन्नयन प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। इन संस्थानों के लिए 345 नियमित और 136 आउटसोर्स पद स्वीकृत किए गए हैं वार्षिक व्यय 27.17 करोड़ रुपये अनुमानित है।
नए मेडिकल कॉलेजों के संचालन के लिए 1,605 पद मंजूर
दमोह, छतरपुर और बु़ंधनी के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के संचालन के लिए 990 नियमित और 615 आउटसोर्स पद स्वीकृत हुए हैं। इन कॉलेजों में अगले सत्र से शैक्षणिक और चिकित्सा सेवाएँ सुचारू रूप से चल सकेंगी।
झापननाला सिंचाई परियोजना के लिए 165 करोड़
दमोह जिले की तेन्दुखेड़ा तहसील में झापननाला मध्यम सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई है इससे 17 गांवों की 3,600 हेक्टेयर भूमि सिंचाई योग्य होगी।
बुंदेलखंड के लिए विशेष पैकेज
सागर जिले के मसवासी औद्योगिक क्षेत्र के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज स्वीकृत किया गया है। इनमें भूमि एक रुपये प्रति वर्गमीटर, भूभाटक एक रुपये वार्षिक, विकास शुल्क दस किस्तों में संधारण शुल्क आठ रुपये प्रति वर्गमीटर और स्टांप शुल्क में 100% छूट दी गई है इसके साथ ही बिजली शुल्क में पाँच वर्ष की छूट दी है सीमेंट उद्योग इस पैकेज से बाहर रखे गए हैं।