जबलपुर में ATS अधिकारी बनकर ठगी करने वालों ने बुजुर्ग को 4 दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट किया, पुलिस ने बचाया

जबलपुर में एक फर्जी एटीएस अधिकारी ने बुजुर्ग दंपत्ति को आतंकियों से संबंध बताकर चार दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। आरोपी ऐप डाउनलोड करवाकर मोबाइल पर पूरा नियंत्रण लिए हुए था। महिला की समझदारी से ठगी से बचे दोनों।

Update: 2025-12-09 16:54 GMT

जबलपुरः जिले के घमापुर क्षेत्र में एक सेवानिवृत्त दंपत्ति को एक साइबर ठग ने खुद को एटीएस अधिकारी बताकर पिछले चार दिनों से डिजिटल अरेस्ट में रखा हुआ था। जालसाज ने महिला प्राचार्य और उनके पति को आतंकियों से जुड़ा बताकर उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर आरोप लगाया और लगातार भय का वातावरण बनाकर रखा।

ए़डिशनल एसपी क्राइम ब्रांच जितेन्द्र सिंह के अनुसार, 6 दिसंबर को दंपत्ति को एक कॉल आया जिसमें ठग ने खुद को एटीएस अधिकारी बताया। उसने दावा किया कि दंपत्ति के बैंक खातों से 70 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है और उन्हें 70 लाख रुपये कमीशन के रूप में मिले हैं। इतना ही नहीं, कॉल करने वाले ने कहा कि उनकी सिम से देश की गोपनीय जानकारी बाहर भेजी जा रही है।

बुजुर्ग को 4 दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट

ठग ने दंपत्ति से आधार, मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट और एफडी की जानकारी हासिल करने के बाद एक लिंक भेजकर एक ऐप डाउनलोड करवाया। इसी ऐप के माध्यम से आरोपी ने दोनों को चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और उनकी सभी ऑनलाइन गतिविधियों को नियंत्रित किया।

महिला की समझदारी से बचे दोनों

मंगलवार को जब ठग ने महिला को किसी कार्य के लिए बैंक भेजा, तब उन्होंने घर से बाहर निकलते ही अपने परिचित वकील को पूरी बात बताई। अधिवक्ता ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और क्राइम ब्रांच टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने दंपत्ति को डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया और आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। मामले में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया है।

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