लोक कल्याणकारी नई सोच से निकला विकास का अमृत
मोदी सरकार के ऐतिहासिक नौ वर्ष के आलोक में मध्यप्रदेश
हितानंद शर्मा
स्वर्णिम पथ पर अग्रसर भारत के अमृतकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोक कल्याणकारी नीतियों से देश के विकास की नई अक्षरमाला लिखी जा रही है। अपने स्वत्व को पहचान कर देश विश्वगुरु की भूमिका पुन: प्राप्त करने को अग्रसर है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 'सबका साथ, सबका विकासÓ के ध्येय वाक्य और भविष्य के समृद्ध और शक्तिशाली भारत के विजन के साथ कार्य करते हुए केंद्र सरकार ने सफलतापूर्वक 9 वर्ष पूरे कर लिए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के चमत्कारिक व्यक्तित्व, लोक कल्याणकारी नीतियों, प्रगति की नई सोच से निकला अमृत पूरे भारतीय समाज को भी प्रेरित कर रहा है। कोविड महामारी और वैश्विक मंदी के रुझानों के बाद भी भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेज गति से उभरती हुई अर्थव्यवस्था बन गई है। अमेरिका, रूस, चीन जैसे देश जब आर्थिक संकटों से गुजर रहे हैं तब इस वर्ष भारत की जीडीपी 6 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है। आज देश को अंतरराष्ट्रीय पटल पर विशेष सम्मान प्राप्त हो रहा है। विश्व के देश आज भारत का नेतृत्व और सहयोग चाहते हैं। नौ वर्ष के कालखंड में प्रत्येक क्षेत्र में ऐसी ही उपलब्धियां देश को हासिल हो रही हैं। समग्र विकास के लक्ष्य को लेकर नीति निर्माण, लक्ष्य को प्राप्त कर लेने के अथक प्रयासों से कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पूरा देश प्रगति कर रहा है। मध्य प्रदेश भी विकास के पथ पर कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। मोदी सरकार के 9 वर्षों के शासन काल के आलोक में जब हम मध्यप्रदेश को देखते हैं तो पाते हैं कि राज्य डबल इंजन की सरकार में तेज गति से विकास के पथ पर अग्रसर है। केंद्र में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की विकास योजनाओं एवं निर्णयों को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान अत्यंत सक्रियता के साथ सफलतापूर्वक लागू करा रहे हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चिंतन में जिस वंचित दरिद्रनारायण की चिंता की गई है, मध्यप्रदेश में अंतिम पंक्ति के उस हर व्यक्ति के लिए बुनियादी जरूरतों भोजन, वस्त्र और आवास की आवश्यक रूप से व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश के 5 करोड़ 18 लाख से अधिक हितग्राहियों को निशुल्क अनाज मिल रहा है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में लगभग 42 लाख महिलाओं को निशुल्क गैस कनेक्शन मिले हैं। प्रधानमंत्री जनधन खाते में लगभग चार करोड़ एक लाख से अधिक हितग्राहियों के बैंक खाते खोले गए हैं। अब केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की राशि बिना किसी बीच की एजेंसी के सीधे इन जन धन खातों में पहुंच रही है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में ही 95 लाख 47 हजार से अधिक हितग्राहियों को 34000 करोड रुपए से अधिक के मुद्रा ऋण वितरित किए गए हैं। केंद्र और राज्य सरकार की 134 योजनाओं में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर व्यवस्था (डीबीटी) को प्रभावी ढंग से लागू कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 3 करोड़ 42 लाख हितग्राहियों को 35 हजार 136 करोड़ से अधिक राशि का डीबीटी किया गया है।
2014 से पूर्व गरीबों को एक पंचायत में 1-2 कुटीर बनाने के लिए ही बजट आता था। 2014 के बाद केंद्र में मोदी और प्रदेश में शिवराज सरकार ने इस धारणा को बदल कर रख दिया है। पिछले 9 वर्षों में प्रदेश में 33 लाख 60 हजार से अधिक आवास प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत केवल ग्रामों में उपलब्ध कराए गए हैं। पीएम स्व निधि योजना में भी 7 लाख 4 हजार से अधिक हितग्राहियों को लगभग 902.98 करोड का ऋ ण उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश में पानी की समस्या को दूर करने के लिए भी सरकार ने विशेष प्रयास किए हैं। जल जीवन मिशन के अंतर्गत 59 लाख 28 हजार से अधिक नल कनेक्शन दिए गए हैं। अब गांवों में लोगों को पानी के लिए भटकना नहीं पड़ता। घर-घर नल कनेक्शन आ जाने से उन्हें घर में ही पानी उपलब्ध हो रहा है। किसानों के कल्याण के लिए पिछले 9 वर्षों का मोदी सरकार का कार्यकाल विशेष रहा है। अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञों ने सरकार के पहले बजट को ही किसानों का बजट बताया गया था। तब से अब तक हर साल केंद्र के बजट में किसानों के लिए विशेष प्रावधान रखे जाते हैं। मध्यप्रदेश में ही किसानों, पशुपालकों और मछली का पालकों के पांच लाख 46 हजार से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं। मौसम एवं अन्य कारणों से फसल को नुकसान होने पर किसानों के सहायता के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना संचालित की है। इस योजना में प्रदेश के 93 लाख 81 हजार से अधिकपर 17213 करोड रुपए का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 83 लाख 83 हजार से अधिक किसानों को 15 हजार 581 करोड रुपए की सहायता दी गई है। कृषि के लिए कृषि संरचनात्मक व्यवस्थाओं के लिए 4375 करोड रुपए से अधिक की परियोजनाएं प्रदेश में स्वीकृत की गई हैं। प्रदेश में 45 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई क्षमता उपलब्ध हो चुकी है। 35 हजार करोड रुपए से अधिक की सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कार्य चल रहा है। केन बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र की तकदीर और तस्वीर बदलने के लिए कार्य शुरू किया जा चुका है। नारी शक्ति के सशक्तिकरण के लिए केंद्र और राज्य की सरकार समान रूप से सक्रिय रहकर सतत कार्य कर रही हैं। यही कारण है की प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में मध्य प्रदेश, देश में नंबर वन है। इसके अंतर्गत अब तक 34 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को 1500 करोड़ रुपए से अधिक की सहायता दी जा चुकी है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को रोजगारोन्मुखी कार्यों से जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री स्वयं कहते हैं कि आज का भारत युवा भारत है। प्रधानमंत्री जी की सोच के अनुरूप ही शहरी रोजगार और कौशल विकास के क्षेत्र में भी प्रदेश सरकार द्वारा दीनदयाल राष्ट्रीय आजीविका मिशन को सभी 413 निकायों में लागू किया गया है। अब तक 2.88 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। 1 लाख 47 हजार युवा अब तक कौशल का प्रशिक्षण लेकर रोजगार के अवसरों से जुड़ चुके हैं। केंद्र सरकार के 10 लाख नौकरियों के लिए चलाए गए भर्ती अभियान में मध्यप्रदेश ने 1 लाख पदों पर भर्ती का आरक्षण लक्ष्य रखा है। अभी तक 46000 से अधिक पदों पर नियुक्ति के आदेश जारी किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं 60,000 से अधिक नियुक्तियों के लिए कार्यवाही चल रही है। मध्यप्रदेश में 2800 से अधिक स्टार्टअप कार्य कर रहे हैं। इनमें से 13 सौ से अधिक स्टार्टअप का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। अधोसंरचना एवं आर्थिक बदलाव मोदी सरकार की सबसे बड़ी विशेषता मानी जाती है। वर्ष 2009 से 2014 में मध्य प्रदेश को औसत रेलवे बजट का आवंटन महज 632 करोड रुपए होता था। 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सरकार आने के बाद से इसमें ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। 2021-22 में रेलवे बजट को बढ़ाकर 7700 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया।
(लेखक भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के प्रदेश संगठन मंत्री हैं)