बुराई रूपी रावण पर पुरुषोत्तम राम की जीत है दीपावली

डॉ. अमरनाथ पाठक

Update: 2025-10-18 14:44 GMT

राजा राम के पुरुषार्थ का प्रकाश पर्व, दीपावली, बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है. यह भगवान राम के 14 वर्ष का वनवास काटकर रावण का संहार कर अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है.इस दौरान लोग घरों को दीये और रंगोली से सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, स्वादिष्ट भोजन बनाते हैं और मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं. दीपावली पर, धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी और विघ्नहर्ता गणेश की पूजा की जाती है. यह पर्व आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश देता है और हमें अपने भीतर के अंधकार को दूर कर अच्छाई और ज्ञान का दीपक जलाने के लिए प्रेरित करता है.

दीपावली का महत्व और परंपराएँ

ऐतिहासिक और पौराणिक हैं: भगवान राम रावण को हराकर 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे. लोगों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे, इसलिए इसे 'रोशनी का त्योहार' भी कहते हैं.

देवी-देवताओं की पूजा: इस दिन, समृद्धि की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश की पूजा की जाती है. घरों को साफ और सजाकर उनका स्वागत किया जाता है.

सजावट और उत्सव: लोग अपने घरों को दीयों, मोमबत्तियों, रंगोली और अन्य सजावटों से रोशन करते हैं. यह पर्व परिवार और दोस्तों को एक साथ लाता है और खुशियाँ बाँटने का मौका देता है.

आध्यात्मिक और नैतिक संदेश: दीपावली हमें अंधकार, अज्ञानता और बुराई को दूर करने की प्रेरणा देती है.यह आत्म-जागरूकता और आध्यात्मिक ज्ञान का भी प्रतीक है, जो हमें भीतर से प्रकाशित होने के लिए प्रेरित करता है.

किन्तु पर्यावरण के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी है.

प्रदूषण नियंत्रण आज की जरूरत है.पटाखों के अत्यधिक उपयोग से होने वाले प्रदूषण के कारण, अब हरित और प्रदूषण-मुक्त दीपावली मनाने का महत्व बढ़ गया है.

हरित दिवाली: पटाखों और आतिशबाजी के हानिकारक प्रभावों को समझते हुए, पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अधिक जिम्मेदार तरीके से जश्न मनाना आवश्यक है.

अन्य धर्मों में दीपावली

जैन धर्म: इस दिन को भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.

सिख धर्म: यह गुरु हरगोविंद जी की स्वतंत्रता का प्रतीक है, जिन्हें जहांगीर ने कैद से रिहा किया था और जो अमृतसर में हुए 'दीपावली' के दिन रिहा हुए .

इस त्योहार को प्रकाश का पर्व भी कहा जाता है. यह त्योहार हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को सेलिब्रेट किया जाता है. दीवाली न केवल भारत में बल्कि विदेशों में बसे भारतीयों द्वारा भी बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है.

दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों 'दीप' अर्थात 'दिया' व 'आवली' अर्थात 'लाइन' या 'श्रृंखला' के मिश्रण से हुई है. दीपावली जिसे दिवाली भी कहते हैं उसे अन्य भाषाओं में अलग-अलग नामों से पुकार जाता है जैसे : दिपावली, दीवाली.

दीपावली की शाम को घर की साफ-सफाई के बाद मुख्य पूजा की तैयारी की जाती है. शुभ मुहूर्त में, एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर गणेश जी, महालक्ष्मी, और कुबेर जी को स्थापित किया जाता है.

चंद्रविहीन रात्रि, अमावस्या पर आता है. इस पर्व पर लक्ष्मी-गणेश कुबेर और हनुमान जी के चरणों में प्रार्थना की जाती है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आए. इस प्रकार

भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर है प्रकाश पर्व दीपावली जो हमे असीम खुशी प्रदान करती है.






लेखक वरिष्ठ पत्रकार,साहित्यकार व फिल्म कलाकार हैं

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