प्रवासी कामगारों की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और दिल्ली सहित 9 राज्यों से SC ने मांगा जवाब
Supreme Court
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने भारत में प्रवासी कामगारों की कथित हिरासत और यातना को चुनौती देने वाली एक याचिका पर केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली सहित नौ राज्यों से जवाब मांगा है। इस याचिका में राज्य के अधिकारियों द्वारा यह पता लगाने के लिए उनके ठिकानों की जांच की जा रही है कि क्या वे बांग्लादेश से आए विदेशी प्रवासी हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण की दलीलें सुनने के बाद केंद्र सरकार और नौ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को नोटिस जारी किया। न्यायालय ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की है।
भूषण ने तर्क दिया कि उक्त हिरासत अवैध है और विदेशी अधिनियम के तहत इसकी अनुमति नहीं है और उन्होंने न्यायालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।
न्यायालय ने कहा कि एक ऐसी व्यवस्था की आवश्यकता है जिससे अधिकारी कामगारों के मूल स्थान (आव्रजन से पहले) और कार्यस्थल (आव्रजन के बाद) जैसे विवरणों की जाँच कर सकें ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे वास्तविक कामगार हैं या विदेशी प्रवासी।
यह याचिका पश्चिम बंगाल प्रवासी कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा दायर की गई है।