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बिना मास्क के घूमना युवाओं को पड़ा महंगा, खुली जेल में लिखना पड़ा निबंध

कलेक्टर ने शहरवासियों से की रोको-टोको अभियान में सहभागी बनने की अपील

Update: 2020-11-29 14:44 GMT

ग्वालियर। कोरोना संकट के चलते शासन और प्रशासन मास्क लगाने पर विशेष ध्यान दे रही है। इसी क्रम में आज जिला प्रशासन ने शहर में बिना मास्क घूमने वालों के खिलाफ अभियान चलाया।  जिसमें बिना मास्क लगाए बाजारों में घूमने वाले युवाओं को महंगा पड़ा।  उन्हें खुली जेल में चार घंटे रहकर कोरोना विषय पर निबंध लिखना पड़ा।  इस दैरान युवाओं को नुक्क्ड़ नाटक के माध्यम से भी कोरोना महामारी के नुकसान और उससे बचने के लिये आवश्यक सावधानियों को भी समझाया गया। 

कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के निर्देश पर कोरोना संक्रमण की रोकथाम  एवं लोगों में जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाया गया।  जिसके लिए रूपसिंह स्टेयिम को खुली जेल बनाया गया। शहर के विभिन्न चौराहों एवं मार्गों पर बिना मास्क के घूम रहे युवाओं को पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने रोका और गाडी में बिठाकर खुली जेल पहुँचाया। अस्थायी तौर पर बनाई गई खुली जेल में युवाओं को बिठाकर कोरोना विषय पर निबंध लिखवाया गया। 

यमराज ने समझाई भयावहता -

सामाजिक न्याय विभाग के कलापथक दल द्वारा युवाओं को नुक्कड़ नाटक एवं गीतों के माध्यम से भी कोरोना रोग की भयावहता और उससे बचाव के लिये सावधानियों का महत्व समझाया गया।  काल्पनिक यमराज बनकर भी कोरोना की भयावहता समझाई गई।

रोको टोको अभियान से दिया संदेश -

कलेक्टर सिंह ने रोको-टोको अभियान के तहत खुली जेल के माध्यम से लोगों को सावधानी का संदेश दिया। रोको-टोको अभियान के तहत जहाँ लोगों को मास्क पहनने की आवश्यकता बताई जा रही है वहीं अनावश्यक रूप से घर से निकलने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की भी समझाइश दी जा रही है। उन्होंने शहरवासियों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए आवश्यक सावधानी स्वयं भी बरतें और लोगों को भी सावधानी बरतने हेतु प्रेरित करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि खुली जेल की कार्रवाई नियमित जारी रहेगी। बाजारों में बिना मास्क घूमता कोई भी व्यक्ति पाया गया तो जुर्माना करने के साथ-साथ खुली जेल में भी उसे भेजा जायेगा।

खुली जेल में लिखा निबंध -

रूपसिंह स्टेडियम में बनाई गई खुली जेल में एडीएम श्री किशोर कान्याल और संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय श्री राजीव सिंह ने युवाओं से चर्चा की और उन्हें कोरोना की भयावहता को समझने और आवश्यक सावधानी बरतने की अपील भी की। लगभग 15 युवकों को खुली जेल में रखकर कारोना पर निबंध लिखवाया गया। 20 वर्ष से 45 वर्ष तक की आयु वर्ग के लोगों को ही खुली जेल में लाया गया। महिलाओं, बुजुर्गों और बीमार लोगों को आवश्यक चेतावनी एवं समझाइश देकर मास्क अवश्य पहनने की हिदायत दी गई।

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