विश्व सोरायसिस दिवस आज : समय पर उपचार लेने से ठीक हो सकती है सोरायसिस की बीमारी
हाथ-पैर, तलवों, कोहनी, घुटनों पर इसका असर सबसे पहले और ज्यादा देखने को मिलता है।
ग्वालियर। सोरायसिस एक ऑटोइम्युन समस्या है, जो छूने से नहीं बिल्कुल जीन में परिवर्तन होने से फैलती है। सर्दियों में ये समस्या कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। इसमें त्वचा पर एक मोटी परत जमने लगती है, जो लाल या भूरे रंग की होती है और खुरदरी होती है। इसकी वजह से हर वक्त खुजली होती रहती है। हाथ-पैर, तलवों, कोहनी, घुटनों पर इसका असर सबसे पहले और ज्यादा देखने को मिलता है। लेकिन अब इस बीमारी के प्रति लोग जागरूक हो गए हैं। इसी के चलते जयारोग्य की ओपीडी में प्रतिदिन 15 से 20 मामले सोरायसिस के आते हैं।
यह कहना है गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के चर्म रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अनुभव गर्ग का। डॉ. अनुभव गर्ग ने बताया कि सोरायसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसका अगर समय पर उपचार शुरू किया जाए तो मरीज को ठीक किया जा सकता है। लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो समय पर उपचार नहीं लेते, जिस कारण उनकी बीमारी बढ़ जाती है। इसके अलावा लम्बे समय पर सोरायसिस का उपचार न लेने से मरीज में जोड़ों की परेशानी भी बढ़ जाती है। इस लिए दुनिया भर में लोगों को सिरोसिस के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर वर्ष 29 अक्टूबर को विश्व सिरोसिस दिवस मनाया जाता है।
क्या है सिरोसिस:
गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के कुष्ठ एवं त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. कमल भदौरिया ने बताया कि सिरोसिस प्रतिरक्षा प्रणाली में समस्या उत्पन्न होने पर होने वाली बीमारी है, जिसके चलते शरीर की त्वचा पर असर नजर आता है। इस रोग में त्वचा पर कोशिकाएं तेजी से जमा होने लगती हैं। सफेद रक्त कोशिकाओं के कम होने के कारण त्वचा की परत सामान्य से अधिक तेजी से बनने लगती है, जिसमें घाव बन जाता है, यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है।
सिरोसिस के प्रकार
- प्लेक सिरोसिस- इसमें त्वचा पर लाल उभरे हुए पैच होते है।
- गुट्टेट सिरोसिस- यह त्वचा पर छोटे लाल धब्बे का कारण बनता है, यह समस्या ज्यादातर किसी भी प्रकार के रोग के उपरांत होती है।
- इन्वर्स सिरोसिस- इस प्रकार का सिरोसिस आमतौर पर त्वचा की सिलवटों में होता है, रोग होने पर त्वचा पर बहुत ज्यादा खुजली होने लगती है। साथ ही त्वचा पर लाल रंग के धब्बे पडऩे लगते हैं।
- पुस्तुलर सिरोसिस- इस प्रकार के सिरोसिस से हथेलियों और तलवों पर मवाद भर जाता है, ये एक ही समय में दर्दनाक और खुजलीदार होते हैं। यह फ्लू-प्रकार के लक्षणों का कारण बनता है, जिसमें बुखार, चक्कर आना, भूख कम लगना आदि शामिल हैं।
- एरिथ्रोडर्मिक सिरोसिस- यह एक गंभीर सनबर्न जैसा दिखता है, क्योंकि यह त्वचा को चमकदार लाल बनाता है, इस प्रकार के सिरोसिस में तेज हृदय गति, खुजली और दर्द होता है।