छठ पर्व पर महिलाओं ने रखा 36 घंटे का निर्जला व्रत

इस दौरान छठी महिलाएं भगवान भास्कर को अर्घ देंगी।

Update: 2023-11-19 02:11 GMT

ग्वालियर, न.सं.। नहाय-खाय की रस्म के साथ शनिवार को छठ पर्व की शुरूआत हुई। इससे पहले शुक्रवार को छठ व्रतधारी महिलाओं ने घर की साफ सफाई की। शनिवार को महिलाओंं द्वारा रात्रि 9 बजे से 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा गया। यह व्रत 20 नवंबर सोमवार को पूरा होगा। इस दौरान छठी महिलाएं भगवान भास्कर को अर्घ देंगी।

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि यह महापर्व उषा, प्रकृति, जल, वायु और सूर्यदेव की बहन षष्ठी माता को समर्पित है। इसमें विशेष रूप से सूर्य देव को अर्घ देने की परंपरा है और यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। आज भी लोग भक्तिभाव और पूर्ण श्रद्धा के साथ इसे मनाते हैं। छठ व्रत सुहाग की लंबी आयु, संतान के सुखी जीवन और घर पर सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है। इसी क्रम में शनिवार को छठी महिलाओं द्वारा संध्या के समय गुड़ की खीर, घी की रोटी, लोकी की सब्जी और फल आदि का सेवन किया। प्रसाद के रूप में परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा भी इसे ग्रहण किया गया। इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हुआ। धार्मिक मान्यता के अनुसार छठ पर्व में भगवान सूर्य और छठी मैया की विधिवत पूजा अर्चना करे से हर मनोकामना पूरी होती है।

आज दिया जाएगा संध्या अर्घ:-

19 नवम्बर रविवार को घर-परिवार के सभी लोग घाट पर जाते हैं और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे। इस दिन सूप में फल, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि प्रसाद को सजाकर और कमर तक पानी में रहकर परिक्रमा करते हुए अर्घ्य देने की परंपरा है। इस दिन घर लौटने पर छठी माता की कथा सुनी जाएगी। इस दिन महिलाएं एक दूसरे को लंबा सिंदूर भी लगाएंगी। वहीं 20 नवंबर सप्तमी तिथि को उगते हुए सूर्य को अर्घ दिया जाएगा। इस दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर होगा। इसके बाद व्रती महिलाएं प्रसाद ग्रहण करेंगी। इसी के साथ व्रत का समापन होगा।

छठ पूजा के लिए इंतजाम:-

भोजपुरी समाज समिति के अध्यक्ष एमएम अंसारी ने बताया कि ग्वालियर में छठ पर्व कई स्थानों पर मनाया जाता है। इन स्थानों में बिरलानगर लाईन नंबर 13, 12, 11, 10, 50 क्वार्टर, गदाईपुरा, सुभाषनगर, गोला का मंदिर, हनुमान नगर कॉलोनी, गोवर्धन कॉलोनी, पिंटोपार्क, दीनदयाल नगर, एयर फोर्स चम्बल गेट के पास महाराजपुरा, न्यू कॉलोनी, नंबर एक पार्क परिसर, सागरताल, जनकताल, कटोराताल, गुड़ा-गुढ़ी का नाका, चन्द्रवदनी नाका, 13-14 बटालियन, मोतीझील, हुरावली गांव मुरार, खैरिया गांव आदि शामिल हैं। 

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