आज मनाई जाएगी वैकुंठ चतुर्दशी, शिव और हरि का होगा मिलन
वैकुंठ चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 25 नवंबर शाम 05:22 बजे होगा। चतुर्दशी तिथि समाप्ति 26 नवंबर दोपहर 03:53 बजे होगी।
ग्वालियर, न.सं.। वैकुंठ चतुर्दशी हिंदुओं का एक मुख्य त्योहार है जो चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 25 नवंबर शनिवार को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें भगवान शिव एवं श्रीविष्णु दोनों की एक साथ पूजा की जाती है। वैकुंठ चतुर्दशी को हरिहर का मिलन कहा जाता है यानी भगवान शिव और विष्णु का मिलन। विष्णु एवं शिव के उपासक इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाते हैं।
ऐसा माना जाता है कि आज के दिन व्रत पूजा करने वालों को धरती पर रहते हुए वैकुंठ धाम की प्राप्ति का अनुभव होता है। शिव पुराण के अनुसार वैकुंठ चतुर्दशी के दिन ही भगवान शिव ने भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र दिया था। इस दिन शिव और विष्णु दोनों ही एक ही रूप में रहते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी वैकुंठ चतुर्दशी के दिन शिव व विष्णु जी की पूजा आराधना करते हैं, उन्हें स्वर्ग में स्थान मिलता है।
वैकुंठ चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त:-
वैकुंठ चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 25 नवंबर शाम 05:22 बजे होगा। चतुर्दशी तिथि समाप्ति 26 नवंबर दोपहर 03:53 बजे होगी।