जमीन के साथ इस बार सोशल मीडिया पर भी छिड़ी जंग
प्रचार को बूस्टर: टिकट तय होते ही नेताजी ने खोल दिए अपने खजाने
ग्वालियर,न.सं.। 17 नवंबर को प्रदेश का भविष्य तय करने के लिए मतदाता अपने मतों की आहुति देंगे। इस मतदान का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। जैसे-जैसे तारीखें नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे चुनावी रंग भी जम रहा है। दिलचस्प यह है कि इस बार चुनाव जितनी तैयारी के साथ जमीन पर चुनाव लड़ा जा रहा है, उतनी ही तैयारी से सोशल मीडिया जंग चल रही है। इसकी बानगी स्मार्टफोन पर नजर आ रही है। हर दूसरी पोस्ट में किसी न किसी नेता के दौरे, भाषण और सेवा कार्य का वीडियो, फोटो दिख रहे हैं। इसका कारण यह है कि नेता अब अंतिम वक्त में सोशल मीडिया पर पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं। चुनावी समर में उतरे ज्यादातर प्रत्याशियों ने अपने खजाने खोल दिए हैं। उन्होंने अपनी गतिविधियां ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए अपने सोशल मीडिया हैंडल पर बूस्टर लगवा दिया है।
फेसबुक में 10000 फॉलोअर्स का खर्चा आता 3000 रुपए
इंस्टाग्राम में प्रति पोस्ट 1000 लाइक का खर्चा 800 रुपए
इंस्टाग्राम में 10000 फॉलोअर्स का खर्चा 4000
टिकट के साथ ही खुले दिल से खर्च
कई प्रत्याशियों के सोशल मीडिया अकाउंट मैनेज करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि जब तक टिकट तय नहीं हुए थे, नेताजी पैसा खर्च करने से कतरा रहे थे। जैसे-जैसे टिकट तय हुए, प्रत्याशियों ने दिल खोल कर खर्च करना शुरू कर दिया। अब तो आलम ये है कि ज्यादातर कंपनियों ने पर्याप्त काम उठा लिया है।
हर वर्ग-उम्र के मतदाता तक आसान पहुंच
प्रत्याशी सोशल मीडिया हैंडल इसलिए बूस्ट करा रहे हैं, क्योंकि मतदाता फोन पर ज्यादा सक्रिय है। बूस्टर लगवाते वक्त सुविधा होती है कि नेता जरूरत के मुताबिक फिल्टर लगवा सकते हैं। जैसे महिला या पुरुष मतदाता को टारगेट करना या आयुवर्ग विशेष को साधना है तो उसी अनुसार वीडियो या पेज पर फिल्टर लगवाए जाते हैं। हालांकि जितने फिल्टर होंगे, उतना खर्च बढ़ेगा