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झांसी के बाद क्या निवाड़ी से चलेगी ताज एक्सप्रेस ?, ग्वालियर में नहीं मिलेंगे प्लेटफार्म टिकट !

पिछले वर्ष मार्च माह में प्लेटफार्म टिकट की दरें बढ़ी थी, संक्रमण रोकने उठाया था कदम

Update: 2021-03-05 00:45 GMT

ग्वालियर/वेब डेस्क। कोरोना संक्रमण के कारण इन दिनों झांसी से निजामुद्दीन के बीच चलने वाली ताज एक्सप्रेस का संचालन पूरी तरह से बंद है। इससे पहले इस ट्रेन का संचालन ग्वालियर से होता था, लेकिन बाद में इस ट्रेन को झांसी से चलाने का निर्णय लिया गया। वहीं अब निवाड़ी के जनप्रतिनिधियों ने इस ट्रेनों को निवाड़ी से चलाने की मांग कर डाली है। इसको लेकर मंडल रेल प्रबंधक को ज्ञापन भी सौंपा है। वहीं महाकौशल एक्सप्रेस कुतुब के ठहराव की भी मांग की गई है।

प्लेटफार्म टिकट का मंडल के अधिकारी करेंगे निर्णय

भले ही भोपाल और हबीबगंज रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफार्म टिकट मिलना शुरु हो गए हो। लेकिन ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर अभी इस तरह की सुविधा शुरु नहीं होगी। बीते वर्ष मार्च माह में उत्तर मध्य रेलवे ने कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए प्लेटफॉर्म टिकट के दाम को 10 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए कर दिए थे। जबकि भोपाल औश्र हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर अभी शुरु की गई प्लेटफार्म टिकट की राशि 50 रूपए निर्धारित की गई है। ऐसे में ग्वालियर में कई यात्री आस लगाए बैठे है कि स्टेशन पर प्लेटफार्म टिकट की शुरुआत हो सकती है। उधर रेलवे अधिकारियों का कहना है कि प्लेटफार्म टिकट की सुविधा शुरु करने के लिए बोर्ड नहीं मंडल के अधिकारी ही निर्णय करेंगे। यहां बता दे कि कोरोनस संक्रमण से पहले रेलवे स्टेशन पर हर दिन औसतन 50 हजार यात्रियों का आवागमन था। साथ ही औसतन 1800 से 2000 तक प्लेटफार्म टिकट रोज बिकते थे। लेकिन अभी सुविधा के बंद होने से यात्रियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।

स्टेशन पर अपनों को छोडऩे वाले लोग परेशान

रेलवे स्टेशन पर अपनों को छोडऩे आने वाले लोग प्लेटफार्म टिकट न मिलने से काफी परेशान है। क्योंकि प्लेटफार्म पर सिर्फ उन्हीं यात्रियों को प्रवेश दिया जाता है, जिनके पास कंफर्म टिकट होता है। ऐसे में अपने परिजनों को छोडऩे आने वाले लोगों को बाहर से वापस लौटना पड़ रहा है। इसको लेकर कई बार टीटीई से लोगों की बहस भी हो चुकी है। बॉक्स ट्रेनों में नहीं चल रहा चैकिंग एस्कॉर्ट कोरोना को देखते हुए स्टेशन पर पदस्थ टिकट चैकिंग स्टॉफ (एस्कॉर्ट)ट्रेनों में नहीं चल रहा है। जबकि संक्रमण से पहले ग्वालियर के 20 से अधिक चैकिंग स्टॉफ आगरा, झांसी तक जाकर उन यात्रियों की धरपकड़ करता था, जो ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा करते थे। लेकिन इन दिनों यह स्टॉफ प्लेटफार्म पर ही अपना समय काट रहे है।

 

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