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23 अगस्त को मनेगी ऋषि पंचमी

Update: 2020-08-21 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। ऋषियों को समर्पित ऋषि पंचमी का व्रत 23 अगस्त को रखा जाएगा। इस व्रत को करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन ने बताया कि भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी के नाम से जानते हैं। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ऋषि पंचमी तिथि का शुभ मुहुर्त 22 अगस्त को शाम 07.57 से प्रारंभ होगा और 23 अगस्त को शाम 05.04 मिनट तक रहेगा।

इस प्रकार करें पूजा:-

अन्य व्रत की तरह ही इस व्रत को महिलाओं के साथ-साथ कुंवारी कन्याएं भी रख सकती हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार ऋषि पंचमी का व्रत मुख्य रूप से जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति दिलाता है। किसी भी उम्र में यह व्रत रख सकते हैं। इस उपवास की एक रोचक बात यह है कि इस व्रत में किसी भी देवी-देवता का पूजन नहीं किया जाता है। बल्कि देवी-देवताओं के स्थान पर इस दिन महिलाएं सप्तऋषियों की पूजा करती हैं। इसी कारण से इस व्रत को ऋषि पंचमी के नाम से जाना जाता है। 

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