भारतीय रिजर्व बैंक ने सिविल रिपोर्ट के लिए नए नियम लागू किए

जब भी कोई ग्राहक लोन के लिए आवेदन करता है तो बैंक उसका सिबिल स्कोर चेक करते हैं, इसके तहत रिजर्व बैंक ने 5 नए नियम बनाए हैं।

Update: 2023-11-14 02:04 GMT

ग्वालियर, न.सं.। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सिविल रिपोर्ट को लेकर नए नियम लागू किए गए हैं। सिविल क्रेडिट स्कोर को लेकर बहुत सारी शिकायतें आ रही थीं, जिसके बाद केंद्रीय बैंक ने नियमों को सख्त किया है। सीए पंकज शर्मा ने बताया कि क्रेडिट ब्यूरो में डेटा सुधार न होने की वजह भी बतानी होगी और क्रेडिट ब्यूरो वेबसाइट पर शिकायतों की संख्या भी बताना जरूरी है। इसके अलावा भी भारतीय रिजर्व बैंक ने कई नियम बनाए हैं। नए नियम 26 अप्रैल 2024 से लागू होंगे। अप्रैल में ही आरबीआई ने इस तरह के नियम लागू करने की चेतावनी दे दी थी। उल्लेखनीय है कि जब भी कोई ग्राहक लोन के लिए आवेदन करता है तो बैंक उसका सिबिल स्कोर चेक करते हैं, इसके तहत रिजर्व बैंक ने 5 नए नियम बनाए हैं।

बनाए हुए नियम:-

- ग्राहक को भेजनी होगी सिबिल चेक किए जाने की सूचना:-

केंद्रीय बैंक ने सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों से कहा है कि जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है तो उस ग्राहक को इसकी जानकारी भेजा जाना जरूरी है। यह जानकारी एसएमएस या ईमेल के जरिए भेजी जा सकती है। दरअसल क्रेडिट स्कोर को लेकर कई शिकायतें सामने आ रही थीं, जिसके चलते भारतीय रिजर्व बैंक ने यह फैसला किया है।

- रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करने की वजह बताना जरूरी:-

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार अगर किसी ग्राहक की किसी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया जाता है तो उसे इसकी वजह बताया जाना जरूरी है। इससे ग्राहक को यह समझने में आसानी होगी कि किस वजह से उसकी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया गया है। रिक्वेस्ट रिजेक्ट किए जाने की वजहों की एक लिस्ट बनाकर उसे सभी के्रडिट इन्स्टीट्यूशन को भेजना जरूरी है।

- साल में एक बार ग्राहकों को दें फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट:-

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार क्रेडिट कंपनियों को साल में एक बार फ्री फुल क्रेडिट स्कोर अपने ग्राहकों को मुहैया कराया जाना चाहिए। इसके लिए क्रेडिट कंपनी को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक डिस्प्ले करना होगा, ताकि ग्राहक आसानी से अपनी फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट चेक कर सकें। इससे साल में एक बार ग्राहकों को अपना सिबिल स्कोर और पूरी क्रेडिट हिस्ट्री पता चल जाएगी।

- डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना जरूरी:-

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार अगर कोई ग्राहक डिफॉल्ट होने वाला है तो डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना जरूरी है। लोन देने वाली संस्थाएं एसएमएस/ई-मेल भेजकर सभी जानकारी शेयर करें। इसके अलावा बैंक, लोन बांटने वाली संस्थाएं नोडल अफसर रखें। नोडल अफसर क्रेडिट स्कोर से जुड़ी दिक्कतें सुलझाने का काम करेंगे।

30 दिन में हो शिकायत का निपटारा, रोज लगेगा 100 रुपए जुर्माना:-

अगर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी 30 दिन के अंदर-अंदर ग्राहकों की शिकायत का निपटारा नहीं करती है तो फिर उसे हर रोज 100 रुपए के हिसाब से जुर्माना चुकाना होगा। यानी जितनी देर से शिकायत का निपटारा किया जाएगा, उतना ही अधिक जुर्माना चुकाना होगा। लोन बांटने वाली संस्था को 21 और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का वक्त मिलेगा। 21 दिन में बैंक ने क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताया तो बैंक हर्जाना देगा। वहीं बैंक की सूचना के 9 दिन बाद भी शिकायत का निपटारा नहीं किया गया तो के्रडिट ब्यूरो को हर्जाना चुकाना होगा।

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