बदहाल अस्पताल और बेहाल मरीजों को देखकर लगाई फटकार निरीक्षण में जिपं सीईओ को गंदगी और गर्मी में तड़पते मिले मरीज

कहा- यहां तो तीन दिन से सफाई नहीं हुई, एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने के दिए निर्देश

Update: 2023-05-17 15:38 GMT

ग्वालियर, न.सं.। यह क्या तरीका है? मुझे लगता है यहां तीन दिन से सफाई नहीं हुई है। मरीज गर्मी में तड़प रहे हैं, आप खुद निरीक्षण कर अव्यवस्थाएं दूर कराएं। यह नाराजगी जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार ने मुरार जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान जताई। सीईओ श्री कुमार बुधवार को सुबह 10:30 बजे सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा के साथ जिला अस्पताल पहुंचे। निरीक्षण के दौरान ओपीडी के शौचालयों में व्याप्त गंदगी देख उन्होंने कहा कि यहां तो पिछले तीन दिनों से सफाई नहीं हुई होगी। जगह-जगह पसरी गंदगी को देख सीईओ ने सफाई एजेंसी गुसाईं एंटरप्राइजेज के ठेकेदार को भी मौके पर बुला लिया। ठेकेदार ने बताया कि अस्पताल में पानी नहीं है, जिस कारण सफाई नहीं हो पाई। यह सुन सीईओ ने सिविल सर्जन से एजेंसी पर 50 हजार का जुर्माना लगाने के साथ ही ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए। इसके बाद जब सीईओ ने सर्जरी वार्ड में बंद पड़े कूलर और आपातकालीन विभाग में बंद पड़े पंखों को देखा तो उन्होंने सिविल सर्जन डॉ. आर.के. शर्मा से पूछा आप खुद निरीक्षण करने आते हैं यहां नहीं। यह क्या तरीका है, वार्ड में मरीज गर्मी से परेशान हो रहे हैं, अस्पताल में पानी नहीं है। आप खुद प्रतिदिन निरीक्षण करें और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाएं। उन्होंने सिविल सर्जन को यह भी निर्देश दिए कि शौचालयों की सफाई करा कर आप मुझे वॉट्सएप पर फोटो भेजें।




 


साहब, पीने का पानी नहीं है आप नहाने की बात कर रहे हैं

दवा वितरण केन्द्र के पास सीईओ ने देखा कि एक मरीज के परिजन सुलभ कॉम्प्लेक्स से नहा कर निकल रहे थे। यह देख उन्होंने परिजन से पूछा कि अस्पताल के अंदर नहाने की व्यवस्था नहीं है क्या। इस पर परिजन ने कहा साहब, आप नहाने की बात कर रहे हैं, अस्पताल में तो पीने का पानी भी नसीब नहीं हो रहा। यह सुनते ही सीईओ ने सिविल सर्जन के प्रति नाराजगी व्यक्त की।


आईसीयू में भर्ती मिले सामान्य मरीज

आईसीयू में जब सीईओ पहुंचे तो उन्होंने देखा कि यहां कई ऐसे मरीजों को भर्ती किया हुआ है, जिन्हें आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत नहीं थी। जबकि सर्जरी विभाग में एक बुजुर्ग महिला गम्भीर स्थिति में थी और दर्द से कराह रही थी। यह देख उन्होंने महिला को तत्काल आईसीयू में भर्ती करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि यह क्या व्यवस्था है, जिन्हें आईसीयू की जरूरत नहीं है, उन्हें सामान्य वार्डों में ही भर्ती किया जाए।





 


खुद खाकर देखा खाना, कहा- अच्छा है

मरीजों के लिए बनने वाले भोजन की गुणवत्ता भी जिपं सीईओ ने खुद खाकर जांची। उन्होंने रसोई में दाल व दलिया खाया और कहा कि खाना तो अच्छा है। हालांकि रसोई में काम कर रहीं महिलाओं ने बताया कि ठेकेदार द्वारा उन्हें कम वेतन दिया जा रहा है। इस पर सीईओ ने ठेकेदार पर कार्यवाही करने की बात कही।

15 दिन में पूरा वेतन नहीं मिले तो मुझे बताना

प्रसूति गृह के निरीक्षण के दौरान सपोर्ट स्टाफ कर्मचारी विमला ने रोते हुए सीईओ से कहा कि मुझे ड्यूटी करते 15 वर्ष हो चुके हैं, मेरे पति लकवा से पीडि़त हंै, लेकिन शर्मा सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा मुझे सिर्फ प्रतिमाह छह हजार रुपए दिए जा रहे हैं। इस पर सीईओ ने सिविल सर्जन के प्रति नाराजगी जताते हुए शर्मा सिक्योरिटी को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए। साथ ही विमला को अपना मोबाइल नंबर देकर कहा कि अगर पन्द्रह दिन में पूरा वेतन नहीं मिले तो आप मुझे फोन पर बताएं।


प्रभारी मंत्री भी जता चुके हैं नाराजगी

प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट कुछ दिनों पूर्व जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। उस दौरान प्रभारी मंत्री को भी अस्पताल में जगह-जगह भारी गंदगी मिली थी। जिस पर प्रभारी मंत्री सिविलसर्जन डॉ. शर्मा पर जमकर नाराज हुए थे, लेकिन सिविल सर्जन पर प्रभारी मंत्री की नाराजगी का भी कोई फर्क नहीं पड़ा।


सिविल अस्पताल व जयारोग्य भी पहुंचे सीईओ

जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद सीईओ सिविल अस्पताल हजीरा पहुंचे। जहां उन्हें व्यवस्थाएं ठीक मिलीं। इसी तरह जयारोग्य अस्पताल में एक मरीज ने उपचार न मिलने की शिकायत की। जिस पर सीईओ श्री कुमार ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. आर.के.एस. धाकड़ को व्यवस्थाएं बेहतर रखने की बात कही।

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