इसी महीने जारी हो सकती है स्वच्छता सर्वेक्षण की रैकिंग, बेहतर परिणाम की उम्मीद

टीम के जाते ही बिगड़ी सफाई व्यवस्था, क्षेत्रों में नहीं पहुंंच रही गाडिय़ां

Update: 2023-11-21 03:58 GMT

ग्वालियर,न.सं.। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की रैंकिंग इसी महीने जारी हो सकती है । 2022 की रैंकिंग में ग्वालियर को 18वां स्थान मिला था। 2021 के मुकाबले तीन पायदान लुढक़ गया था ग्वालियर। लेकिन स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में शहर की स्थिति बेहतर हो सकती है। ऐसा नगर निगम प्रशासन का मानना है। तर्क है कि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए जो थीम दिया गया था उस थीम के अनुसार नगर निगम तैयारी की थी। इस साल का थीम वेस्ट टू वेल्थ था। मसलन कूड़े से समृद्धि। इसके लिए कूड़े की प्रोसेसिंग शुरू की जा रही है। यह सर्वेक्षण के रिजल्ट में बड़ा मायने रखेगा। एक महीने पहले स्वच्छता सर्वेक्षण की केन्द्रीय टीम ने ग्वालियर शहर का जायजा लिया था। पूरी रिपोर्ट ऑनलाइन फीडिंग की गई थी। इसके पहले सिटीजन फीडबैक भी लिया गया था। इस बार केन्द्रीय टीम ने 10 दिनों तक शहर में सफाई, निगम के संसाधन, सुविधाओं का जायजा लिया था। आमतौर पर यह टीम दो से तीन दिन में वापस हो जाती थी लेकिन इस बार ज्यादा समय लगा था। निगम प्रशासन का मानना है कि थीम के अनुसार काम कराया गया था और उससे स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है।

इस बार के सर्वेक्षण में थ्री आर- रिड्यूज, रिसाइकल और रियूज फोकस किया गया। इसी के आधार पर नगर निगमों का मूल्यांकन किया जाएगा। मसलन थ्री आर के लिए किसी निगम ने क्या संसाधन विकसित किया और कितना काम हो रहा है, इसका आंकलन करते हुए अंक दिए जाएंगे।

स्वच्छता सर्वेक्षण टीम के जाते ही फिर से बिगड़ी शहर की सफाई व्यवस्था

सालभर से जिस सफाई का नगर निगम ढोल पीट रही थी, स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम जाते ही शहर की सूरत बिगड़ गई है। निगम ने जो नियम लोगों के लिए बनाए थे, उनकी ही पालना नहीं हो रही है। सडक़ों पर जगह-जगह डंपिंग जोन बन गए तो घरों में कचरे की गाड़ी नहीं आ रही है। ऐसे में परेशान लोग अब सडक़ों पर ही कचरा डाल रहे हैं। टीम के जाते ही अधिकारियों ने भी फील्ड में जाना बंद कर दिया।

स्वच्छता मुहिम के तहत सर्वेक्षण में शहर के हर गली, मौहल्ले और कॉलोनी को स्वच्छता की धारा से जोडऩे के लिए पहले तो निगम अधिकारियों ने जमकर लोगों के चालान किए। लेकिन अभियान के खत्म होते ही निगम गहरी नींद में सो गया है। अब ना तो समय से लोगों के घरों से कचरा उठ रहा है ना ही जिम्मेदार प्रशासन इसकी सुध ले रहा है।

गाना बदला, व्यवस्था वही

स्वच्छ भारत का इरादा से... शुरू हुआ स्वच्छता अभियान अब अंकल सडक़ पर कचरा न डालो... तक पहुंच गया है। हूपर में बजने वाला गाना तो बदल गया, लेकिन अधिकारियों के वादों-इरादों म बदलाव नहीं दिखा है। सर्वेक्षण से पहले जो हूपर सुबह नियमित रूप से घरों से कचरा उठा रहे थे, वे अब दो से तीन दिन बाद पहुंच रहे हैं।

ये समस्याएं आ रही हैं नजर

- डंपिंग जोन फिर से बन गए

- लोग खुले में शौच जाने लगे

- घरों मेें टिपर वाहन नहीं आ रहे

- चालान कटना बंद हो गए

- निगम ने निगरानी बंद दी

अभी तक ऐसा रहा है स्वच्छता का प्रदर्शन

वर्ष रैंक मिली

2016 73वीं

2017 27वीं

2018 28वीं

2019 59वीं

2020 13वीं

2021 15वीं

2022 18वीं

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