अधिकारियों के संरक्षण में फलफूल रहे झोलाछाप

स्थिति यह है कि पांचवीं एवं दसवीं तक पढ़े युवक भी दस पांच दवाईयों का नाम याद कर डॉक्टरी करने लगे है

Update: 2023-11-23 00:30 GMT

ग्वालियर, न.सं.। शहर में इन दिनों दर्जनों व ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों झोलाछाप चिकित्सक स्वास्थ्य अधिकारियों की संरक्षण में खुलेआम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं। यह चिकित्सक मरीजों को न सिर्फ लूट रहे है, वल्कि गलत उपचार देकर उनकी जान तक ले रहे हैं। उसके बाद भी स्वास्थ्य अधिकारी अपनी आंखे बंद कर बैठे हुए हैं। स्थिति यह है कि पांचवीं एवं दसवीं तक पढ़े युवक भी दस पांच दवाईयों का नाम याद कर डॉक्टरी करने लगे है तथा बकायदा बोर्ड लगाकर मौत की दुकान चला रहे हैं। यह झोलाछाप चिकित्सक किसी भी बीमारी का इलाज हो पर इन्हें उसकी एबीसीडी का ज्ञान हो या न हो इलाज करना इन्हें आता है। इन फर्जी चिकित्सकों के विरूद्व कार्रवाई करने के लिए कई बार निर्देश भी दिए गए। लेकिन हर बार छोटी मोटी कार्रवाई करके मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। इतना ही नहीं शासन द्वारा भी झोलाछाप चिकित्सकों के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश कई बार दिए जा चुके हैं। उसके बाद भी स्वास्थ्य अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते। जिससे साफ है कि यह क्लीनिक सिर्फ स्वास्थ्य अधिकारियों के संरक्षण में ही फल-फूल रही है और मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करवाने में लगे हुए हैं।

सीएमएचओ कार्यालय से रहती है सेटिंग

सीएमएचओ कार्यालय में कुछ बाबुओं की मिली भगत कहें या फिर वरिष्ठ अधिकारियों की सह पर मोटी रकम वसूल कर कमाई का जरिया बने ये झोलाछाप चिकित्सक खुलेआम शोषण कर रहे है। इन झोलाछाप चिकित्सकों की सीएमएचओ कार्यालय में अंदर तक पकड़ होने के कारण इनके हौसलें सातवें आसमान पर है, ये मरीजों को छोटी से छोटी बीमारियों पर हजारों की चपत लगाते देखे जाते है। शहर में बेखौफ तरीके के साथ मेडिकल स्टोर के साथ में खुद प्रैक्टिस करते है। जबकि इन्हें मात्र पैसे कमाने का जुनून है।

कई मामले आ चुके हैं सामने

झोलाछाप चिकित्सक के उपचार से हुई कई मौतों के मामले भी सामने आ चुके हैं, जिससे स्वास्थ्य अधिकारी भी भली भांति अवगत हैं। लोग सस्ते इलाज के झांसे में आकर अपनी जिंदगी दांव पर लगा रहे हैं, गंभीर एवं गुप्त बीमारियों का शर्तिया इलाज करने का दावा करने वाले झोलाछाप डॉक्टर लोगों को ड्रिप चढ़ाने से लेकर इंजेक्शन तक लगाते हैं। शहर में झोलाछाप चिकित्सकों के उपचार से कई लोगों के मौत के मामले भी सामने आ चुके हैं, फिर भी स्वास्थ्य अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। 

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