वायरल बुखार ने दी दस्तक, अस्पताल जाने से कतरा रही जनता

Update: 2020-08-19 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी होती जा रही है। दूसरी तरफ वायरल संक्रमण से संबंधित मरीजों में भी कोरोना वायरस का डर बरकरार है। मौसम बदलने से इन दिनों अधिकतर लोग वायरल फीवर की समस्या से जूझ रहे हैं। मरीज निजी अस्पताल के चिकित्सकों के साथ संपर्क करते हैं तो उन्हें सबसे पहले शासकीय अस्पताल में कोविड-19 की जांच करवाने के लिए कहा जाता है, इसी कारण कोविड-19 के डर से मरीज शासकीय अस्पताल नहीं जा रहे। ऐसे में इनका इलाज ही नहीं हो रहा। इससे लोग सर्दी खांसी होने पर घरेलू उपचार (हल्दी-दूध एवं अन्य) का सहारा ले रहे हैं।

मरीज बुखार आदि की दवाई खुद ही दवा की दुकान से लेकर काम चला रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि बुखार, सर्दी आदि होने पर कोरोना की जांच करवाएं। स्वास्थ्य विभाग के दिशानिर्देशों के अनुसार खांसी, बुखार, जुकाम होने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करना चाहिए, लेकिन लोग कोरोना की जांच कराने से घबराते हैं। इन दिनों वायरल बुखार चरम पर है। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को भी बुखार की समस्या आ रही है। किसी को एक सप्ताह तक अगर बुखार रहता है तो सभी उसे कोविड-19 की जांच कराने की सलाह देते हैं।

बारिश में कम होती है इम्युनिटी

चिकित्सकों के अनुसार इन दिनों वायरल फीवर के मामले बढ़ रहे हैं। शरीर में दर्द, तेज बुखार, खांसी-जुकाम के लक्षण आमतौर पर देखने को मिल रहे हैं। इसके दो बड़े कारण हैं। पहला मौसम में बदलाव यानी तापमान का घटना-बढऩा है। यह मौसम मच्छरों, बैक्टीरिया और वायरस के बढऩे और फैलने के लिए घातक माना जाता है। दूसरा, बारिश में प्राकृतिक तौर पर शरीर की रोगों से लडऩे की क्षमता यानी इम्युनिटी कम हो जाना। इम्युनिटी का स्तर कम होने के कारण ये आसानी से शरीर को संक्रमित करते हैं।

ये हैं लक्षण

वायरल से पीडि़त होने पर शरीर में कुछ खास तरह के लक्षण दिखते हैं। इन लक्षणों में गले में दर्द, खांसी, सिर दर्द, थकान, जोड़ों में दर्द के साथ ही उल्टी और दस्त होना, आंखों का लाल होना और माथे का बहुत तेज गर्म होना शामिल है।

तुरंत दवा लेने से बचें

वायरल फीवर होने पर तुरंत दवा नहीं लेनी चाहिए। खाने के साथ-साथ तरल पदार्थ के सेवन की मात्र बढ़ा देनी चाहिए। पानी, सूप, चाय, नारियल पानी और दाल का पानी पीने से काफी राहत मिलती है।  

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