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भगवामय हुआ ग्वालियर, पथसंचलन में घोष वादकों के जयघोष से गूंजा शहर

पुष्पवर्षा से हुआ जगह-जगह भव्य स्वागत

Update: 2021-11-26 14:43 GMT

ग्वालियर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्यभारत प्रांत के चार दिवसीय प्रांतीय स्वर साधक संगम (घोष शिविर) के दूसरे दिन शुक्रवार की शाम को शहर में घोष वादकों का पथसंचलन निकला। पथ संचलन की शुरूआत वीरांगना लक्ष्मीबाई समाधि स्थल पर मान वंदना के साथ हुई। यहां पर क्षेत्र संघचालक अशोक जी सोहनी, अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षण प्रमुख सुनील जी कुलकर्णी, प्रांत संघचालक अशोक जी पाण्डेय, क्षेत्र कार्यवाह अशोक जी अग्रवाल, ग्वालियर विभाग संघचालक विजय जी गुप्ता आदि ने पथसंचलन की शुरूआत की। पथसंचलन में शामिल 500 से अधिक घोष वादकों की जयघोष से शहर गूंज उठा। शहरवासियों ने आगे आकर जगह-जगह पथ संचलन में शामिल घोष वादकों का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया।


पथसंचलन से पूर्व मध्य भारत प्रांत के 31 जिलों के 550 से अधिक घोष वादकों को लक्ष्मीबाई समाधि स्थल पर एकत्रीकरण हुआ। मान वंदना के पश्चात पथसंचलन की शुरूआत हुई। संचलन फूलबाग, लक्ष्मीबाई मार्ग, गुरूद्वारा, मोती तबेला, नदी द्वार, जयेन्द्रगंज, इंदरगंज होते हुए जीवायएमसी मैदान पर पहुंचा। यहां पर संचलन का समापन हुआ। पथसंचलन में शामिल घोष वादक कदम ताल करते हुए चल रहे थे। उनके आगे खुली जीप पर महापुरूषों की प्रतिमाएं लगी हुईं थीं। पथसंचलन का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख विलास जी गोले, प्रांत कार्यवाह यशवंत जी इंदापुरकर, प्रांत सह कार्यवाह हेमंत जी सेठिया, विभाग सहसंघचालक अशोक जी पाठक, विभाग कार्यवाह देवेन्द्र गुर्जर, ग्वालियर जिला संघचालक रामभरोसे तोमर, लश्कर जिला संघचालक प्रहलाद सबनानी आदि उपस्थित थे।

पथसंचलन का भव्य स्वागत -


पथसंचलन का शहरवासियों ने भव्य स्वागत किया। लक्ष्मीबाई समाधि के बाद फूलबाग चैराहा, गुरुद्वारा, नदी द्वार, जयेन्द्रगंज, इंदरगंज, सनातन धर्म मंदिर सहित अन्य जगहों पर आमजन व सामाजिक संगठनों ने पलक पावड़े बिछाकर घोष वादकों का स्वागत किया। स्वागत के लिए मातृशक्तियां भी पीछे नहीं रहीं, वे भी घरों से निकलकर बाहर आ गईं और उन्होंने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

आकर्षण का केन्द्र बनी ऐतिहासिक प्रदर्शनी - 


केदारधाम में 28 नवंबर तक चलने वाली प्रदर्शनी आकर्षण का केन्द्र बनी है। यह प्रदर्शनी आमजन के लिए खुली है। यहां पर रखे ऐतिहासिक वाद्य यंत्रों को देखने के लिए शहरवासी पहुंच रहे हैं। प्रदर्शनी में रखे वाद्य यंत्रों की ऐतिहासिक गाथा बताने के लिए स्वयंसेवकों की टोली मौजूद रहती है।

ग्वालियर आए डाॅ. भागवत

स्वर साधक संगम में शामिल होने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सरसंघचालक डाॅ. मोहन भागवत जी 26 नवंबर की रात्रि को ग्वालियर आए। वे 28 नवंबर तक शिविर में रहेंगे। इस दौरान घोष वादकों को डाॅ. भागवत जी का मार्गदर्शन प्राप्त होगा।

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