अधिकारियों की मेहनत रंग लाई, काबू में आया वायु प्रदूषण
दीनदयाल नगर क्षेत्र में एक्यूआइ 300 से अधिक दर्ज हो रहा था, वह घटकर 200 पर आ गया है।
ग्वालियर,न.सं.। तीन दिन पूर्व ग्वालियर की हवा गंभीर श्रेणी में थी। लेकिन, शनिवार को यह तीन पायदान नीचे उतरकर यह सामान्य श्रेणी में आ गई है। शनिवार सुबह दिल्ली वासी सोकर उठे तो बाहर का नजारा बदला सा था। तीन दिन से जहरीली हवा में सांस ले रहे लोगों को हवा साफ मिली तो हल्की बूंदा-बांदी से सबकुछ धुला धुला सा लग रहा था। वहीं निगमायुक्त हर्ष सिंह के निर्देश पर जिम्मेदारी अधिकारी मैदान में उतरे व तीन दिन में ताबड़तोड़ कार्रवाई कर वायु प्रदूषण पर काबू पाया। इतना ही नहीं प्रदूषण फैलाने वालों पर निगम ने छह लाख से अधिक का जुर्माना भी किया। दीपावली के मौके पर घरों की साफ-सफाई के अलावा बड़े स्तर पर कंस्ट्रक्शन, फैक्ट्रियों में प्रोडक्शन के साथ ही सडक़ों पर कचरा जलने और डिवाइडर व फुटपाथ किनारे पड़ी धूप की सफाई न होने के कारण वायु गुणवत्ता बिगडऩी शुरू हो गई।
नगर निगम के अमले ने कंस्ट्रक्शन साइटों पर जाकर जुर्माने करने शुरू किए, साथ ही आंकड़ों के विश्लेषण के बाद यह तथ्य सामने आया है कि सिर्फ निर्माण ही नहीं बल्कि सडक़ों की ठीक से साफ-सफाई नहीं होने के कारण धूल-मिट्टी उडऩे से ये स्थिति निर्मित हुई है। इसका कारण यह है कि सडक़ों पर फुटपाथ और डिवाइडर के किनारे इक_ी होने वाली धूल की सफाई के लिए मंगाईं गईं तीन रोड स्वीपिंग मशीनें नहीं चलाई जा रही है। वाटर फागर मशीनें भी बंद खड़ी हुई थीं। हालांकि शुक्रवार रात हुई वर्षा के बाद कुछ प्रदूषण कम हुआ और शनिवार सुबह से ही निगम ने मशीनों को मैदान में उतार दिया। जिस दीनदयाल नगर क्षेत्र में एक्यूआइ 300 से अधिक दर्ज हो रहा था, वह घटकर 200 पर आ गया है।
सडक़ की धूल-मिट्टी सबसे बड़ा कारण
शहर में निर्माण कार्यों से अधिक समस्या सडक़ पर उडऩे वाली धूल-मिट्टी, वाहनों व चिमनियों के धुएं सहित कचरा जलने के कारण हो रही है। इसी से पर्टिकुलेटेड मैटर 2.5 (हवा में उपस्थित धूल पिंड) का आंकड़ा बढ़ा हुआ है और इसी से धुंध जैसी स्थिति बनी हुई है। वहीं निर्माण कार्यों से पीएम 10 प्रदूषण होता है, जो महाराज बाड़ा क्षेत्र में बढ़ा हुआ था। यहां मल्टी लेवल कार पार्किंग की खोदाई के कारण प्रदूषण बढ़ा हुआ था, जिसका काम बंद करा दिया गया है।