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एक अप्रैल से मिलने वाली हैं नई खुशियां और बदलाव

Update: 2019-03-31 04:37 GMT

ट्रेन से लेकर बिजली मीटर तक फायदा ही फायदा

ग्वालियर/न.सं.। वित्तीय वर्ष 2018-19 खत्म होने में मात्र एक दिन शेष बचा हुआ है। एक अप्रैल से वित्तीय वर्ष 2019-20 शुरू हो जाएगा। एक अप्रैल से कुछ चीजों में बड़े बदलाव होने वाले हैं, जो आपको खुशी और सुविधा देंगे। नए वित्तीय वर्ष से ट्रेन से लेकर बिजली मीटर तक फायदा मिलने वाला है।

घर का निर्माण हो जाएगा सस्ता

देश भर में एक अप्रैल से जीएसटी की नईं दरें लागू होने जा रही हैं। इसके बाद निर्माणाधीश मकानों पर 12 फीसदी की जगह पांच फीसदी जीएसटी ही देना होगा। वहीं किफायती दरों के घर पर जीएसटी को आठ प्रतिशत से घटाकर एक फीसदी कर दिया गया है।

इस प्रकार होगा लाभ

मान लीजिए आपने किसी फ्लैट को पसंद किया जिसकी कीमत 30 लाख रुपए है। इस पर पहले जीएसटी 3 लाख 60 हजार रुपए लगता था जिससे इस मकान की कीमत 33 लाख 60 हजार रुपए हो जाया करती थी। अब एक अप्रैल से 30 लाख के मकान पर मात्र डेढ़ लाख रुपए ही जीएसटी देना होगा। यह निर्णय 24 फरवरी को जीएसटी काउंािसल की बैठक में लिया गया था।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगेंगे

घर-घर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगना शुरू हो जाएंगे। इसके बाद ग्राहक मोबाइल रिचार्ज की तरह प्रीपेड इलेक्ट्रोनिक रिचार्ज भी करवा सकेंगे। इससे हर माह बिजली का बिल भरने की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी। ग्राहक जितनी बिजली उपयोग करेंगे उन्हें उतना ही रीचार्ज करवाना होगा।

खुलेंगे कोषालय

वित्तीय वर्ष का आज अंतिम दिन है। रविवार को काम काज की दृष्टि से सभी बैंक कोषालय खोले जाएंगे जिनमें सरकारी काम होता है। इसी क्रम में एसबीआई की शाखा मयूर मार्केट, मुरार, बाड़ा, मोतीमहल एवं हजीरा की खुली रहेंगी। इसी के साथ आयकर कार्यालय में भी कामकाज होगा।

बैंक की ब्याज व्यवस्था में होगा बदलाव

आरबीआई एक अप्रैल से ब्याज की नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इसके बाद गृह और वाहन ऋण पर लगने वाले ब्याज की व्यवस्था में बदलाव आ जाएगा। इस व्यवस्था में बैंकों को आरबीआई के रेपो रेट घटाने के तुरंत बाद ब्याज दर घटाना होंगी। अभी बैंक खुद ही तय करते हैं कि ब्याज दर कब बढ़ानी-घटानी है। वर्तमान में होता यह है कि रेपो रेट घटने के बाद भी बैंक उसे घटाते नहीं है और रेपो रेट बढऩे पर बैंक ब्याज की दर तुरंत बढ़ा देते हैं।

एक ही पीएनआर नम्बर जारी होगा

भारतीय रेलवे पैसेंजर्स को एक संयुक्त पैसेंजर नेम रेकॉर्ड (पीएनआर) जारी करेगा। इसके बाद यात्री को यात्रा के दौरान एक के बाद दूसरी ट्रेन में सफर करने पर संयुक्त पीएनआर नम्बर मिलेगा। ऐसे में एक ही यात्रा के लिए जिन यात्रियों को दो ट्रेनें बुक करना होती हैं, उन्हें दो अलग-अलग पीएनआर नंबर जनरेट नहीं करना होंगे।

पीएफ ऑटोमैटिक स्थानांतरित होगा

♦ ईपीएफओ भी बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। नए नियम लागू होने पर नौकरी बदलने पर आपका पीएफ अपने आप स्थानांरित हो जाएगा। इसके बाद नौकरीपेशा लोगों को पीएफ खाता स्थानांतरित करने के लिए अलग से रिक्वेस्ट नहीं करना होगी।

♦ डीटीएच कंपनियों तथा केवल उपभोक्ताओं को अपने मनपसंद चैनल का चुनाव भी करना ही होगा।

♦ पांच लाख तक की वार्षिक आय पर किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसके ऊपर की कमाई पर टैक्स लगेगा।

♦ कर्मचारियों का मानक कटौत्रा (स्टैण्डर्ड डिडक्शन) 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है।

♦ पहले जो टीडीएस दस हजार रुपए से ऊपर की राशि पर देना होता है वह अब 40 हजार रुपए पर देना होगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह लिमिट 50 हजार रुपए कर दी गई है।

♦ स्वयं के उपयोग के लिए दो मकान खरीदे जा सकते हैं। इस पर टैक्स की गणना नहीं होगी। जबकि पहले यह सुविधा केवल एक ही मकान पर थी।

♦ कोई भी व्यक्ति अपना पुराना मकान बेचकर दो मकान अपने स्वयं के लिए खरीद सकता है। इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। ऐसा व्यक्ति जीवन में एक बार कर सकता है।

♦ व्यापारियों के लिए जीएसटी की लिमिट को 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपए कर दिया गया है।

♦ ट्रेडर के लिए कम्पोजीशन लिमिट एक करोड़ से बढ़ाकर डेढ करोड़ रुपए कर दिया गया है। सेवा प्रदाता के लिए 50 लाख की लिमिट है जो बिक्री एवं सेवा का कार्य करते हों।

♦ अब क्वाटरली रिटर्न जमा करना होगा जो पहले मंथली होता था।

इनका कहना है

यह सेवाएं एक अप्रैल से लागू होंगी। इससे सभी को कुछ न कुछ लाभ अवश्य मिलेगा। आने वाले समय में इसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे।


-आशीष पारिख, वरिष्ठ सी.ए. 

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