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प्रतिदिन सप्लाई हुई तो 30 प्रतिशत आबादी को नहीं मिलेगा पानी

Update: 2019-03-31 04:36 GMT

पीएचई अधीक्षण यंत्री ने मोतीझील प्लांट का किया निरीक्षण

ग्वालियर/न.सं.। तिघरा में पर्याप्त पानी होने के बाद भी शहर के लोगों को गर्मियों में नियमित सप्लाई को लेकर पीएचई अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरे दिखने लगी है। इसका कारण टंकियां भरने के सिस्टम फेल होना है। पीएचई के तकनीकी अमले ने टंकियां भरने की योजना भी तैयार कर ली है।

निगमायुक्त संदीप माकिन ने एक अप्रैल से प्रतिदिन पानी देने के आदेश दिए गए हैं। इसलिए पीएचई अधिकारी इसकी तैयारी में जुट गए हैं। शनिवार को पीएचई अधीक्षण यंत्री आर.एल.एस. मौर्य ने तिघरा प्लांट पर पेयजल सप्लाई से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में अधिकारियों ने शहर में रोज पानी देने को लेकर काफी मंथन भी किया। पीएचई अधीक्षण यंत्री ने अधिनस्त अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह पेजयल सप्लाई के समय मैदान में रहकर मॉनीटरिंग करें। पीएचई के अधिकारियों का कहना है कि टंकियां भरने वाली लाइनों से शहर में होने वाली सीधी सप्लाई के कारण परेशानी आ रही है। इस समस्या का समाधान अमृत योजना का काम पूरा होने के बाद ही हो पाएगा।

निगमायुक्त संदीप माकिन ने होली के त्यौहार से शहर में नियमित सप्लाई के निर्देश दिए थे। हालांकि पीएचई का मैदानी अमला इससे बचने का प्रयास कर रहा था। निगमायुक्त के आदेश पर नियमित सप्लाई तो शुरू की गई, लेकिन पहले ही दिन अलग-अलग क्षेत्रों में पानी की सप्लाई नहीं हो पाई। इस कारण दो दिन में ही एक दिन छोडक़र सप्लाई शुरू कर दी गई।

प्रमुख सचिव की फटकार के बाद पाइप लाइन निकाली

बीते दिनों शहर में भोपाल से आए नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने अमृत योजना के तहत जलालपुर पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी लाने के लिए तिघरा से 1600 एमएम की पाईप लाईन बिछाने का कार्य मैसर्स झांसी कंक्रीट उद्योग नामक कंपनी द्वारा किया जा रहा है। जिसमें पाइप लाइन को बिना बैस के बिछाया जा रहा था। जिस पर प्रमुख सचिव ने अधीक्षण यंत्री के साथ-साथ ठेकेदार की भी जमकर फटकार लगाई थी। शनिवार को ठकेदार द्वारा पाइप लाइन को निकालना शुरू कर दिया गया है। ठेकेदार द्वारा पहले बैस तैयार किया जाएगा, जिसके बाद दोबारा पाइप लाइन डाली जाएगी।

अधिकारी बोले, नहीं मिल सकता पानी

बैठक में पीएचई अधिकारियों ने प्रतिदिन पेयजल सप्लाई को लेकर कहा कि प्रतिदिन सप्लाई के चक्कर में टंकियां पूरी नहीं भर पाएंगी। जब टंकियां पूरी नहीं भरेगी, तो लोगों को पानी नहीं मिलेगा। पानी न मिलने की स्थिति में लोग फिर से धरना प्रदर्शन भी करेंगे। अधिकारियों की मानें तो अगर प्रतिदिन सप्लाई हुई तो 30 प्रतिशत आबादी को पानी नहीं मिल पाएगा। 

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