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भीमा व अजय ने बंदूक लूटने के बाद आदित्यपुरम में छिपाई, बरामद

Update: 2019-03-29 04:57 GMT

ग्वालियर/न.सं.। पेशी से लौट रहे कुख्यात बदमाश भीमा यादव को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर भागे बदमाश अजय जडेजा और उसके साथी पुलिस की इंसास बंदूक भी लूटकर ले गए थे। पुलिस ने चौदह दिनर की माथापच्ची के बाद अजय जडेजा की निशानदेही पर बंदूक को बरामद कर लिया है। पुलिस बदमाशों ने सूघन पूछताछ कर रही है।

महाराजपुरा थाना क्षेत्र में 7 दिसम्बर को कुख्यात बदमाश भीमा यादव को उसके साथी पुलिस पार्टी पर हमला करके उसे और दो सरकारी बंदूक छुड़ाकर ले गए थे। पुलिस ने एक बंदूक को कुछ समय बाद पास से ही बरामद कर लिया था। जबकि 14 दिन पहले पुलिस ने भीमा यादव उसके साथी अजय जडेजा सहित अन्य बदमाशों को जौरासी घाटी से पकड़ा था। नगर पुलिस अधीक्षक महाराजपुरा रवि भदौरिया ने बताया कि बदमाश वारदात करने के बाद शहर छोडक़र नहीं गए थे। पुलिस पार्टी पर हमला करने के बाद सभी बदमाश आदित्यपुरम में अपने अस्थाई ठिकाने आए और यहां पर करीब छह घंटे बिताने के बाद आगे के लिए रवाना हुए थे। 14 दिन की पुलिस रिमांड के दौरान अजय जडेजा ने स्वीकार किया कि लूटी गई सरकारी बंदूक आदित्यपुरम में छिपाकर रखी है। पुलिस ने दबिश देकर बंदूक को बरामद कर लिया है। दोनों बंदूकों के मिलने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है। लेकिन एक प्रश्न खड़ा हो गया है कि समय रहते पुलिस क्षेत्र की घेराबंदी करती तो बदमाश आदित्यपुरम में लौटकर आए थे पुलिस के हत्थे चढ़ जाते। अभी हाल ही में पुलिस ने भीमा द्वारा बताए गए सिंध नदी से हथकड़ी भी बरामद कर ली थी।

इन्होंने की थी वारदात

भीमा को छुड़ाने के लिए उसका भाई देवेन्द्र यादव उर्फ फौजी, उत्तरप्रदेश का कुख्यात बदमाश अजय जडेजा उर्फ जनक यादव, अवनीश यादव, जीतू बघेल, नरेश यादव, संदीप पाल, सोनू और बॉबी की अहम भूमिका थी। इन्हीं लोगों ने वारदात को अंजाम दिया और उसके बाद फरार हो गए। कई दिनों तक पुलिस को यह चकमा देते रहे और आखिरकार पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।

कई अहम सुराग पुलिस के हाथ लगे

नगर पुलिस अधीक्षक रवि भदौरिया ने बताया कि बदमाशों से 14 दिन की पूछताछ के बाद कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। जिसके पास बंदूक मिली है, उसका नाम इसी कारण नहीं बताया जा रहा है। इन लोगों ने अन्य मामलों में भी पूछताछ की जा रही है। 

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