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प्रतिबंधित फर्म बना रही सराफा की सड़क

Update: 2019-03-29 04:43 GMT

साडा और विवि में घटिया निर्माण पर हो चुकी है कार्रवाई

ग्वालियर/न.सं.। महानगर को जहां स्मार्ट सिटी बनाने के लिए तरह तरह के प्रयास किए जा रहे है। वहीं दूसरी ओर नगर निगम के अधिकारी अपनी जेबे भरने के लिए प्रतिबंधित फर्म से सड़क बनवाने में लगे हैं। इससे साफ जाहिर है कि निगम प्रशासन निर्माण कार्यो की गुणवत्ता सुधारने के नाम पर ठेकेदारों तथा काम करने वाली फर्मो के खिलाफ केवल दिखावे की कार्रवाई करते हैं।

यहां बता दे कि मै. प्रेस्टीजियस स्कोर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा रमटापुरा में सडक़ निर्माण एवं इंटरलॉकिंग टाईल्स लगाने का कार्य मानक अनुरूप एवं गुणवत्ता पूर्ण न करने पर नगर निगम की निविदा प्रक्रिया से प्रतिबंधित किया गया है। यही फर्म अब सराफा बाजार से डीडवाना ओली और राम मंदिर से छप्परवाला पुल तक सड़क बिछाने का काम कर रही है। यह फर्म अक्सर विवादों में रही है। ऐसे में इसके द्वारा सराफा बाजार एवं छप्परवाला पुल की सड़क भी गुणवत्ता पूर्ण नहीं बनाई जा रही है। फिर भी नगर निगम के अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे है। इससे साफ है कि नगर निगम मै. प्रेस्टीजियस स्कोर्स प्राइवेट लिमिटेड पर किस तरह से मेहरबान है। अगर यही हाल रहा तो नगर में चलने वाले विकास कार्यों की गुणवत्ता सुधरने के कोई आसार नहीं है। निगम के अधिकािरयों को भोपाल में बैठे अपने वरिष्ठ अधिकारियों का भी कोई भय नहीं है। इस बारे में जिला प्रशासन के दिशा निर्देश भी कागजों में सिमटकर रह गए हैं।

नाममात्र का डाला जा रहा डामर


वर्तमान में सराफा बाजार में मै. प्रेस्टीजियस स्कोर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बन रही डामर सड़क के निर्माण में नाममात्र को ही डामर डाला जा रहा है। इससे इस सडक़ की गुणवत्ता प्रभावित होने के आसार बन गए हैं। नाम मात्र को डामर डालकर उसके ऊपर गिट्टी बिछाई जा रही है। डामर कम मात्रा में होने के कारण गिट्टी जमीन से नहीं चिपक रही है। ऐसे हालातों में उक्त सडक़ के उखड़ने की संभावना पैदा हो रही है।

साडा मामले में चल रही लोकायुक्त जांच

मै. प्रेस्टीजियस स्कोर्स प्राइवेट लिमिटेड के कर्ताधर्ता बुद्धिपाल सिंह जादौन हैं,जो एक इंजीनियर के भाई हैं। सारा काम इंजीनियर अपने हाथों से करते है ताकि कमीशन भी कम बंटे। इस फर्म द्वारा साडा में 84 लाख रुपए की घटिया सडक़ का निर्माण किया गया थ। जिस पर लोकायुक्त में मामला दर्ज होकर जांच विचाराधीन है। इतना नहीं जीवाजी विवि में भी घटिया सडक़ निर्माण के लिए यह फर्म पहले से ही बदनाम है। इसके साथ ही ओवरब्रिज के किनारे और नीच की सड़क डामरीकरण इसी फर्म द्वारा पेटी कांट्रेक्ट पर किया गया है। 

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