प्रमुख सचिव को गुमराह करने की बना ली है योजना, आज देनी है जानकारी
ग्वालियर/न.सं.। नगर निगम के अधिकारी अमृत योजना जैसी महत्वपूर्ण योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ग्वालियर और डबरा में इस योजना के तहत चल रहे कार्यों को समय सीमा में पूरा कराने की जगह मोटी कमाई की चाहत अधिकारी ठेकेदारों से सांठगांठ करके आधे-अधूरेे कार्यों का भुगतान कराने में जुटे हुए हैं। जिसके चलते अमृत योजना समय पर पूरी होती नजर नहीं आ रही है।
बुधवार को विभाग के प्रमुख सचिव के सामने अमृत योजना के तहत चल रहे कार्यो की प्रगति रिपोर्ट पेश की जानी है। सूत्रों की मानें तो इस योजना से जुड़े अधिकारियों ने विभाग के सचिव को भी गुमराह करने का पूरा खाका तैयार कर लिया है। योजना में भ्रष्टाचार की जांच के लिए गठित की गई समिति के सदस्य भी समय सीमा बीतत जाने के बाद भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर सके। चर्चा है कि ठेकेदारों ने जांच समिति के सदस्यों को भी प्रसाद भेंट कर दिया है। नगर निगम सीमा में सीवर-पेयजल हेतु अक्टूबर 2017 में निविदा के बाद ठेकेदारों को काम करने के लिए आदेश जारी कर दिए गए थे। जिसमें ठेकेदारों को ड्राइंग-डिजाइन तैयार करने वाली समय सीमा के अलावा बारिश के मौसमी काल में कार्य करते हुए जनवरी 2019 तक 50 प्रतिशत काम करना तय किया था। लेकिन ठेकेदार फर्मों व अमृत योजना के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज इस योजना को भी पलीता लग चुका है। इतना ही नहीं 30 सिंतबर 2018 को एक साल की समय सीमा पर अमृत योजना के कार्यों लगतार पिछड़ते गए।
सिर्फ 37 प्रतिशत हुआ कार्य: अमृत योजना के तहत वर्तमान में 10 से 37 प्रतिशत तक कार्य ही हो पाया है। जिसके कारण अब ठेकेदारों पर जुर्माना लगना तय है। सूत्रों की मानें तो अपने चेहते ठेकेदारों को जिम्मेदार अधिकारी लगातार भुगतान कराने में लगे हुए हैं। उन्हें योजना को सही तरीके से क्रियान्वयन करने में जरा भी रुचि नहीं है।
सड़कें धसने लगी तो बाहर निकले अधिकारी
अमृत योजना के तहत पूरे शहर की हालत खराब है। पाइप लाइन डलने के बाद ठेकेदार को नियमानुसार मिट्टी भरकर पहले जैसी सडक़ करनी थी। लेकिन मिट्टी लगातार धसक रही है, जिसके चलते अब अधिकारी अपने कार्यालय से बाहर निकलकर सडक़ों पर दिखाई दे रहे हैं। उन्हें यह भय सता रहा है कि प्रमुख सचिव की खिंचाई का उन्हें कहीं सामना न करना पड़े।
प्रमुख सचिव करेंगे सवाल जवाब, अधिकारी करेंगे गुमराह
बुधवार को प्रमुख सचिव संजय दुबे नगर निगम के अधिकारियों से शहर में हो रहे विकास कार्यों को लेकर सवाल-जबाव करेंगे। निगम के अधिकारियों ने प्रमुख सचिव को गुमराह करने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर ली है।
योजना की जिम्मेदारी सिर्फ एक ही अधिकारी के पास
जब से अमृत योजना शुरू हुई है तब से इस योजना पर नगर निगम के अधिकारियों की नजर थी। वर्तमान में नगर निगम में कार्यपालन यंत्री आरएलएस मौर्य, प्रदीप चतुर्वेदी, आरएन करैया व सिटी प्लानर ज्ञानेन्द्र सिंह जादौन है। लेकिन इनको इन योजनाओं से दूर रखा गया है और सहायक यंत्री आरके शुक्ला जैसे अधिकारियों को इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी दे रखी है। इस मामले को लेकर खुद सहायक यंत्री रामू शुक्ला निगमायुक्त से कह चुके हैं उन्हें इस योजना से हटाया जाए। लेकिन निगमायुक्त ने सिर्फ आश्वासन दिया था।
ये चार फर्में कर रही हैं करोड़ों के कार्य