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इधर-उधर भटकाया जाता है, अगर एक्सरे हो जाता तो तसल्ली हो जाती

Update: 2019-03-21 05:10 GMT

एसडीएम ने शुरू की जांच, मामला केआरएच में हुई बच्चे की मौत का

ग्वालियर/न.सं.। बच्चे को 99 प्रतिशत सही उपचार दिया गया, अगर एक्सरे और हो जाता तो कम से कम परिजनों को तसल्ली तो हो जाती। आप लोग सही काम कर रहे हैं, लेकिन नीचे के स्टॉफ की लापरवाही के कारण सब खराब हो जाता है। यह बात एसडीएम अनिल बनवारिया ने चिकित्सकों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कही।

दरअसल कमलाराजा अस्पताल में बीती राज डेढ़ साल के पीयूष पुत्र रामकरण कुशवाह की मौत हो गई थी। इसकी शिकायत विधायक मुन्नालाल गोयल ने संभागायुक्त बीएम शर्मा और जिलाधीश अनुराग चौधरी से न्यायिक जांच के लिए कहा था। विधायक की शिकायत पर जिलाधीश ने बुधवार को मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए। इस पर शाम 5:14 बजे एसडीएम अनिल बनवारिया, तहसीलदार शिवानी पांडेय के साथ जांच करने केआरएच पहुंच गए। जांच के दौरान पीयूष के परिजन ने बताया कि वह मंगलवार दोपहर 12 बजे बच्चे को लेकर आए थे। इस पर गत दिवस ड्यूटी पर मौजूद सीनियर रेसीडेंट डॉ. प्रकाश पी. ने बताया कि जब बच्चा आया तो उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी। बच्चे को एक्यूट लैरिंगो ट्यूवर क्लोसिस था। इसलिए उसे ऑक्सीजन पर रखा। दोपहर दो बजे सीबीसी की जांच भी कराई थी। वहीं एसोसिएट प्रोफेसर नीतू अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार की दोपहर करीब 2 बजे आईसीयू में राउण्ड के दौरान उन्होंने बच्चे को देखा और स्थिति को देखकर उसे स्टीरॉइड देने के लिए कहा। साथ ही ईएनटी को कॉल करके दिखाया। इस पर ईएनटी के चिकित्सक आए और उन्होंने भी लिखा कि जो इलाज चल रहा है वह सही है। इसी बीच परिजनों ने कहा कि चिकित्सक ने उनसे एक्सरे कराने के लिए भेजा था। लेकिन रेडियोग्राफर प्रेमचंद्र ने यह कहते हुए आने से मना कर दिया कि बिना अधीक्षक के आदेश के वह नहीं जाएगा। इसकी जानकारी उन्होंने जब ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक को दी तो उन्होंने पुन: भेजकर कहा कि रेडियोग्राफर से लिखित में लेकर आओ। यह सुनकर एसडीएम नाराज हुए और कहा कि अगर एक्सरे नहीं हो रहा था तो आप अपने वरिष्ठ चिकित्सकों को सूचना क्यों नहीं दी। उन्होंने कहा कि भले ही आपने 99 प्रतिशत सही उपचार किया। अगर एक्सरे और हो जाता तो कम से कम परिजनों को तसल्ली तो हो जाती। इस पर जूनियर चिकित्सक बोले उस समय चार बच्चे और गंभीर हालत में थे हम बच्चे की हालत गंभीर थी और हम उसे छोडक़र नहीं जा सकते थे। एसडीएम बोले लापरवाही तो फिक्स करनी होगी। एसडीएम ने मंगलवार की सुबह 12 से रात 10 बजे तक ड्यूटी पर मौजूद सभी चिकित्सकों के लिखित बयान लिए। उधर बच्चे के शव का तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमाटज़्म किया। पोस्टमाटज़्म में भी मौत का कारण गले में इंफेक्शन बताया जा रहा है।

सब सही होता तो हमें यहां आने की जरूरत नहीं पड़ती

जांच के दौरान एसडीएम ने अधीक्षक से कहा कि यहां सब सही हो रहा होता तो हम लोगों को यहां आने की जरूरत क्यों पड़ती। जयारोग्य की स्थिति ठीक नहीं है। अस्पताल की अव्यवस्था के कारण विधायक प्रवीण पाठक एवं मुन्नालाल गोयल को बार-बार आना पड़ रहा है। मुझे यहां दिख रहा है कि नीचे के लेवल पर ही दिक्कत है। उन पर कार्रवाई की जाए तो स्थिति सुधर सकती है। रेडियोग्राफर प्रेम चंद्र ने अपना बयान देते हुए कहा कि उसकी ड्यूटी एक्सरे रूम में दी। वहां कई मरीज थे इसलिए वहां से केआरएच आने की स्थिति नहीं थी।

कमरे में बैठ कर जांच करने नहीं आया हूं, आप यहीं आ जाएं

एसडीएम के आने से पहले विभागाध्यक्ष डॉ. अजय गौड़, प्रोफेसर डॉ. घनश्यामदास केआरएच पहुंच गए थे, लेकिन अधीक्षक डॉ. अशोक मिश्रा ने अपने चेंबर में बुलवा लिया। एसडीएम शाम करीब 5.14 बजे केआरएच पहुंच गए। करीब 5 मिनट इंतजार करने के बाद जब कोई नहीं आया तो उन्होंने चिकित्सक को फोन लगाया तो चिकित्सक ने उनसे अधीक्षक कक्ष में आने के लिए कहा। पहले तो एसडीएम अधीक्षक के पास चल दिए, लेकिन फिर उन्होंने पुन: फोन कर चिकित्सक से नाराजगी जताते हुए कहा कि मैं यहां किसी कमरे में बैठ कर जांच करने नहीं आया हूं, आप लोग यहीं आए मैं यहीं जांच करूंगा। इसके बाद चिकित्सक 5.24 बजे केआरएच पहुंच गए, जबकि अधीक्षक डॉ. मिश्रा करीब 5.34 पर पहुंचे।

इनका कहना है

''बच्चे की मौत किन कारणों हुई, इसकी जांच कराई जा रही है। लेकिन इस मामले में कहीं न कहीं लापरवाही बरती गई है। इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।''

-विजय लक्ष्मी साधौ, चिकित्सा शिक्षा मंत्री

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