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कांग्रेस में लोकसभा के लिए दावेदारों के बदलते नाम!

Update: 2019-03-14 06:29 GMT

सिंधिया आज लेंगे दिल्ली में बैठक

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि

लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के साथ ही ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र से वैसे तो पूर्व में चुनाव लड़ चुके कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह ही प्रबल दावेदार हैं, किन्तु कांग्रेस की केन्द्रीय छानबीन समिति में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे का नाम उभरने से नए समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं। इसी के साथ ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष मोहन सिंह राठौड, प्रदेश महासचिव सुनील शर्मा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष देवेन्द्र तोमर के नाम भी उभरकर सामने आए हैं। इस सिलसिले में सांसद सिंधिया द्वारा गुरुवार को सुबह 11 बजे ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र के सभी सात विधायकों की बैठक 27 सफदरजंग नई दिल्ली में बुलाई गई है। यहां बता दें कि विधानसभा चुनाव में ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र की आठ में से सात सीटें कांग्रेस के खाते में गई हैं। इस दृष्टि से लोकसभा चुनाव भी कांग्रेस अपने को मजबूत मानकर चल रही है। पिछले दिनों सिंधिया द्वारा दिल्ली में बुलाई गई एक बैठक में मोहन सिंह राठौड का नाम उभरा, फिर सुनील शर्मा का नाम भी आया। इनके बारे में कुछ विधायकों से पत्र भी लिखवाने की बात आई। इसी बीच तीसरा नाम देवेन्द्र तोमर का उभरा है। पहले यह नाम मुरैना के लिए भी चला था। इसके अलावा पूर्व सांसद रामसेवक बाबूजी एवं अशोक शर्मा भी अपने नाम की पैरवी करा रहे हैं। उधर केन्द्रीय छानबीन समिति में प्रियदर्शिनी राजे का नाम आने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, अरुण यादव खेमे ने बड़ी तेजी के साथ अशोक सिंह का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तक पहुंचाया है, जिससे फिलहाल मामला किसी एक नाम पर अंतिम निर्णय को लेकर अटका हुआ है। वैसे यदि वास्तव में प्रियदर्शिनी के नाम पर सिंधिया सहमत हुए तो किसी की भी किन्तु-परन्तु नहीं चलने वाली, लेकिन पिछले दिनों गुना-शिवपुरी दौरे के दौरान जिस तरह से प्रियदर्शिनी राजे ने सिंधिया के लिए प्रचार किया, उससे कहीं नहीं लगा कि वे ग्वालियर से चुनाव लड़ेंगी। वहीं सिंधिया भी उनके नाम को लेकर अभी तक कुछ नहीं बोले हैं। ऐसे में अशोक सिंह के नाम पर सहमति बनने की संभावना है।

फूलसिंह की राह में सिंधिया रोड़ा

दूसरी ओर बहुजन संघर्ष दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष फूलसिंह वरैया ग्वालियर ग्रामीण से विधानसभा चुनाव हारने के बाद अब कांग्रेस में जाना चाहते हैं। इसके लिए उनकी शर्त भिण्ड सुरक्षित सीट से लोकसभा टिकट की मांग है। चूंकि सांसद सिंधिया की पसंद पूर्व सांसद बारेलाल जाटव हैं, इसलिए वरैया का कांग्रेस में प्रवेश अटका हुआ है।

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