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इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां, भैंसा पर होंगीा विदा

नवरात्रि का त्यौहार 17 से

Update: 2020-09-21 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। शक्ति की उपासना का त्यौहार नवरात्रि 17 अक्टूबर से प्रांरभ हो रहा है। धर्म ग्रंथ एवं पुराणों के अनुसार शारदीय नवरात्रि माता दुर्गा की आराधना का श्रेष्ठ समय होता है। नवरात्रि के इस पावन दिनों में हर दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है जो अपने भक्तों को सुख, शक्ति और ज्ञान प्रदान करती है। नवरात्रि का हर दिन देवी के विशिष्ट रूप को समर्पित होता है और हर देवी के स्वरूप की कृपा से अलग-अलग तरह के मनोरथ पूर्ण होते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार नवरात्रि का पर्व अश्वनी मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होगा जो 17 अक्टूबर को है। इस दिन सूर्य कन्या राशि में चंद्रमा तुला राशि में विराजमान रहेंगे। नवरात्रि के प्रथम दिन घट स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात: 6.23 से 10.12 बजे तक रहेगा। इस नवरात्रि में भगवती घोड़े पर सवार होकर आएंगी जिससे पड़ोसी देशों से युद्ध की आशंका बन सकती है। वहीं माता रानी की विदाई भैंसा पर होगी। 

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