ग्वालियर : लॉकडाउन के चलते 28 दिन के बाद लोगों को मिला काम

बाजार में दिखी मामूली रौनक

Update: 2020-04-22 09:33 GMT

ग्वालियर, न.सं.। पिछले 28 दिनों से चल रहे लॉकडाउन के बाद मंगलवार को प्रशासन ने कुछ अधिक राहत प्रदान की, जिससे जहां लोगों को कुछ काम मिला वहीं बाजार में सुबह के समय मामूली सी रौनक भी देखने को मिली। लेकिन कई जगहों पर सोशल डिस्टेनसिंग का पालन नहीं होता हुआ दिखाई दिया।

कोरोना वायरस के फैलते हुए संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी से लॉकडाउन का आव्हान किया था। साथ ही 20 अप्रैल के बाद लॉक डाउन में कुछ राहत देने की भी बात कही थी। जिला प्रशासन द्वारा मंगलवार को राहत का दायरा बढ़ाया जिससे थोक किराना व दूध-ब्रेड की दुकानें तो खुली हीं साथ ही इलेक्ट्रोनिक्स आदि की दुकानें भी खुली जिससे बिजली का काम करने वालों को 28 दिन के बाद काम मिला और कुछ आमदनी भी हुई। काम मिलने से मजदूरों ने राहत महसूस की।

इस प्रकार से खुलेगा दाल बाजार:-

दाल बाजार व्यापार समिति ने बताया कि 22 व 23 अप्रैल को थोक बाजार सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक खुलेगा। 22 एवं 24 अप्रैल को किराना व्यापारी सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक होम डिलेवरी करेंगे। 25 एवं 26 अप्रैल को खेरिज किराना व्यापार सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक खुलेगा। इस दौरान किराना व्यापारी सीधे उपभोक्ता को माल दे सकते हैं। दाल बाजार व्यापार समिति ने सभी से सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करने की बात कही है।

आज से खुलेंगी स्टेशनरी की दुकानें:-

जिला प्रशासन के आदेशानुसार सभी स्टेशनरी एवं किताबों के विक्रय की दुकानें सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक खुली रहेंगी। इन दुकानों से बच्चे अपनी आवश्यकता के अनुसार स्टेशनरी मंगवा सकते हैं।

कार्यालयों में हुआ कामकाज:-

मंगलवार को शहर के सरकारी कार्यालय खुले हुए दिखाई दिए। इन कार्यालयों में कर्मचारियों की स्थिति बहुत ही कम थी। सभी कर्मचारी दूरी बनाकर बैठे हुए थे।

बड़े प्रोजेक्टों में नहीं शुरू हुआ कामकाज:-

शहर में बाहर से आने वाले मजदूर चले गए हैं। यह मजदूर कब आएंगे किसी को नहीं पता। मंगलवार को मजदूर नहीं होने के कारण बड़े प्रोजेक्टों में सन्नाटा पसरा हुआ दिखाई दिया। यहां कामकाज शुरू नहीं हो पाया है।

दाल बाजार में नहीं हुआ सोशल डिस्टेनसिंग का पालन:-

पिछले दो दिनों के बाद मंगलवार को दाल बाजार में थोक कि दुकानें खुल गईं। खेरिज किराना कारोबारी भी समय से पहुँच गए और उन्होंने सामान की खरीदारी की। इसमें सबसे अधिक मांग आटा, तेल, शक्कर और दालों की देखने को मिली। वहीं पल्लेदारों व हम्मालों को भी काम मिला। लेकिन इस दौरान कई जगहों पर सोशल डिस्टेंनसिंग का पालन नहीं होता हुआ दिखाई दिया। 

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