स्वर्ण रेखा का प्रस्ताव दिल्ली भेजा, हरीझंडी का इंतजार

स्वर्ण रेखा के बेड यानी तल में बीचोंबीच के बजाय साइड की तरफ नई ट्रंक लाइन डालना प्रस्तावित किया गया है।

Update: 2023-10-30 00:00 GMT

ग्वालियर,न.सं.। स्वर्ण रेखा में सीवर और 84 नालों का गंदा पानी रोकने के लिए बनाए गए 600 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को रविवार को केंद्र सरकार के नमामि गंगे मिशन को स्वीकृति के लिए भेजा दिया गया। यह प्रस्ताव पास होने की स्थिति में शहर का 60 प्रतिशत सीवर का गंदा पानी स्वर्ण रेखा में बिछाई जाने वाली ट्रंक लाइन में जाएगा। इसमें ग्वालियर और ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के सबसे ज्यादा इलाके शामिल होंगे। ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के 20, तो वहीं दक्षिण के लगभग 14 से 15 वार्डों के सीवर का मिलान ट्रंक लाइन से किया जाएगा। पूर्व विधानसभा क्षेत्र के भी पांच से छह वार्डों को इसका लाभ मिल सकेगा।

निगम के पीएचई अमले द्वारा तैयार किए गए तकनीकी प्रस्ताव के अनुसार स्वर्ण रेखा के बेड यानी तल में बीचोंबीच के बजाय साइड की तरफ नई ट्रंक लाइन डालना प्रस्तावित किया गया है। ये ट्रंक लाइन 13 किमी लंबी होगी, जिसका मिलान सीधे जलालपुर स्थित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से होगा। जहां-जहां स्वर्ण रेखा में नाले आकर मिलते हैं, वहां-वहां पाइपलाइन के जरिए इन नालों को ट्रंक लाइन से जोड़ दिया जाएगा।  

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