ट्रेनों में लगे सरकारी विज्ञापनों पर चुनाव आयोग की पैनी नजर

प्रदेश की सीमा से गुजरने वाली ट्रेनों के कोच में न सिर्फ निजी कंपनियों के विज्ञापन लगाए

Update: 2023-10-18 03:30 GMT

फाइल फोटो

ग्वालियर। रेलवे ने अपनी आय बढ़ाने के लिए कोचों में विज्ञापन लगाए। प्रदेश की सीमा से गुजरने वाली ट्रेनों के कोच में न सिर्फ निजी कंपनियों के विज्ञापन लगाए, बल्कि प्रदेश सरकार से योजनाओं का बखान करने वाले विज्ञापन भी चस्पा किए गए। आचार संहिता लगने के बाद भी रेलवे ने कई कोचों से शासकीय योजनाओं से जुड़े विज्ञापन नहीं हटाए गए, जिस पर मध्य प्रदेश चुनाव आयोग ने नाराजगी जताई है। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के सभी कलेक्टर को इसकी जांच कर रेलवे प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद मध्य प्रदेश की सीमा में आने वाले रेल मंडल प्रशासन में हडक़ंप मचा हुआ है। मंडल प्रशासन ने मैकेनिकल, कमर्शियल और आपरेटिंग विभाग से कोचों में विज्ञापन और उनकी वर्तमान लोकेशन मांगी है, ताकि तत्काल उन्हें हटाया जा सके।

कई ट्रेनों में लगे विज्ञापन 

मध्य प्रदेश की सीमा में छह रेल मंडल आते हैं, जिनमें जबलपुर, रतलाम, भोपाल, झांसी, नागपुर और बिलासपुर रेल मंडल शामिल हैं। इनकी सीमा से लगभग हर दिन 500 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती हैं। इनमें अधिकांश ट्रेनें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान से शुरू होती हैं या फिर यहां से गुजरती हैं। इनमें शासकीय योजनाओं का बखान करने के विज्ञापन चस्पा किए गए हैं। एक ओर जहां रेल मंडल प्रशासन का दावा है कि उन्होंने ट्रेनों के कोचों में लगे शासकीय योजनाओं के विज्ञापन हटा दिए गए हैं, लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी कई ऐसी ट्रेनें हैं, जिसमें विज्ञापन लगें हैं।

स्टेशन पर प्रधानमंत्री के मॉडल को ढका

हकीकत यह है कि उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल की ट्रेनों के अलावा स्टेशन और सर्कुलेशन एरिया में शासकीय योजनाओं से जुड़े विज्ञापनों को लगाया गया था। जिन्हें हटाया गया है। वहीं स्टेशन के पूछताछ कार्यालय के बाहर शासन की प्रधानमंत्री के विज्ञापनों को ढंक दिया गया है।

Tags:    

Similar News