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चबूतरा ऊंचा होने से भगवान भोलेनाथ की पिण्डी हुई नीचे, भक्त हो रहे परेशान

Update: 2020-08-29 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। प्राचीन एवं ऐतिहासिक श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार एवं पुननिर्माण चल रहा है। मंदिर का चबूतरा ऊंचा होने से भगवान शिव की पिण्डी काफी नीचे हो गई है जिससे भक्तों को भगवान के दर्शन करने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में अचलेश्वर महादेव मन्दिर न्यास के पूर्व सूचना सचिव एवं मेला व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेन्द्र भदकारिया ने अचलेश्वर न्यास के अध्यक्ष हरिदास अग्रवाल को पत्र लिखा है।

श्री भदकारिया ने कहा कि अचलेश्वर मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य में अनजाने अथवा त्रुटिवश एक बड़ी भूल हुई है। निर्माण कार्य के दौरान मंदिर के गर्भगृह को नीचा कर दिया गया है जबकि उसके चारों ओर गर्भगृह से काफी ऊंचा चबूतरा उकेर दिया गया है। परिणाम यह हुआ है कि अचलेश्वर बाबा की पिण्डी काफी नीचे हो गई है जिससे यहां पूजा अर्चना के लिए आने वाले सभी भक्तों को जलाभिषेक एवं पूजन सामग्री आदि चढ़ाने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह का निर्माण भारतीय मंदिरों के निर्माण में प्रयुक्त की जाने वाली पारंपरिक वास्तु एवं स्थापत्यकला के भी सर्वथा विरुद्ध है। मंदिरों में देवप्रतिमा या पिण्डी सदैव उच्च धरातल पर स्थापित होती है। यह भगवान की सर्वोच्चता के प्रति सम्मान व्यक्त करने के साथ ही भक्तों के लिए पूजन प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए भी जरूरी होता है। श्री भदकारिया ने आग्रह करते हुए कहा है कि मंदिर के गर्भगृह व चबूतरे के निर्माण में हुई इस त्रुटि को तत्काल दुरुस्त कर पिण्डी का स्थान ऊंचा एवं चबूतरा नीचा होना चाहिए। मांग करने वालों में अनिल पुनियानी आदि शामिल हैं।      

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