ग्वालियर में वंदेभारत ट्रेन के स्टॉपेज के लिए सांसद विवेक शेजवलकर ने रेल मंत्री को लिखा पत्र
रानी कमलापति से नईदिल्ली तक चलने वाली है वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन
ग्वालियर। एक अप्रैल से भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन से नई दिल्ली के बीच प्रस्तावित वंदे भारत एक्सप्रेस का शेड्यूल पश्चिम मध्य रेलवे ने जारी कर दिया है। इसमें ग्वालियर स्टेशन पर ट्रेन का स्टापेज नहीं रखा है। जिससे ग्वालियर वासियों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। अब क्षेत्रीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर ग्वालियर में स्टापेज की मांग की है।
उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे पत्र में कहा कि आज दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरो से ज्ञात हुआ है कि भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन से नई दिल्ली के बीच प्रस्तावित मध्यप्रदेश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस का शेड्यूल पश्चिम मध्य रेलवे ने रेलवे बोर्ड को दिया है, लेकिन इसमें ग्वालियर स्टेशन पर ट्रेन का स्टापेज नहीं रखा है। भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन से चलने वाली मध्यप्रदेश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस का मध्यप्रदेश के किसी भी शहर में ठहराव नहीं दिया जा रहा है।
ग्वालियर मध्यप्रदेश के साथ ही देश का एक महत्वपूर्ण एतिहासिक एवं सांस्कृति शहर के होने के साथ ही सांस्कृति व पुरातात्विक धरोहरों से संपन्न ग्वालियर चंबल अंचल का प्रवेश द्वार भी है। इस अंचल के सुरक्षित वन भी सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र हैं।यहां पर देश-विदेश के सैलानियों का वर्ष भर आवागमन होता है। औदयोगिक दृष्टि से यह शहर अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है।इस बजट में आदरणीय प्रधानमंत्री , माननीया वित्त मंत्री एवं आपके द्वारा ग्वालियर में रेलवे सुविधाओं के बेहतरीकरण के दृष्टिगत विशेष सौगात भी मिली है। अत्याधुनिक विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ 535 करोड की लागत से ग्वालियर रेलवे स्टेशन को अत्याधुनिक स्वरूप में विकसित किया जायेगा। इसकी प्रकिया विभिन्न चरणों में प्रगतिरत है। ऐसे में इस वंदे भारत एक्सप्रेस का ठहराव ग्वालियर में किया जाना महत्वपूर्ण हो जाता है ।
प्रधानमंत्री दिखाएंगे हरी झंडी -
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वंदे भारत एक्सप्रेस को एक अप्रैल को हरी झंडी दिखाने वाले हैं। यह मप्र से चलने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस होगी। इस ट्रेन का आज मंगलवार को आगरा से पलवल के बीच अलग-अलग चरणों में ट्रायल किया गया , जो 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हुआ।वंदे भारत एक्सप्रेस में 16 कोच हैं। इन्हीं में मोटरकार कोच भी शामिल है, जिसमें लोको पायलट और सहायक लोको पायलट रहते हैं।