सायबर अपराध: जागरुकता से बचेगी कटने से जेब, ठगों की आपके पैसों पर नजरें

सायबर सेल भी हैरान है ठगों के नेटवर्क से

Update: 2023-10-27 00:30 GMT

ग्वालियर। सावधान। आपके बैंक खाते पर किसी अनजान व्यक्ति की नजर है और वह आपके हर लेनदेन की जानकारी और कमजोरियों का फायदा उठाकर अपने जाल में फंसा रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं सायबर अपराध की। रेलवे से सेवानिवृत्त महिला टिकट पर्यवेक्षक को एक ठग ने कब अपना शिकार बना लिया उनको पता भी नहीं चला। उन्होंने मात्र गूगलपे से फोनपे बंद होने की जानकारी मांगी थी। दरअसल सोशल मीडिया पर ठग फर्जी नम्बरों के माध्यम से लोगों से जुड़ जाते हैं जो अपनी समस्या का समाधान करने के लिए फोन लगाते हैं। सायबर ठगी से बचने है तो सावधानी और जागरुकता अति आवश्यक है। पुलिस समय समय पर जागरुकता प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन तो करती है साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से भी अवगत कराती रहती है।

जब से मोबाइल के क्षेत्र में क्रांति आई है उसके फायदों के साथ लोगों को नुकसान भी झेलना पड़ रहे हैं। आज आधुनिक समय में दो रुपए का भुगतान भी आनलाइन के माध्यम से किया जाने लगा है। जब से आनलाइन का चलन बड़ा है, सायबर अपराध भी तेजी से अपने कदम बढ़ा रहा है। सायबर अपराध करने वाले इतने होशियार और हाईप्रोफाइल हो चले हैं वह किसी से बिना बात किए भी उसके खाते से रकम उड़ा देते हैं। अभी तक प्राय: देखने में आता था कि ठग एटीएम कार्ड बंद होने की कहकर या फिर क्रेडिट व डेबिट कार्ड बंद होने के बहाने ग्राहक से उसका पासवर्ड पूछकर खाते से रकम निकालते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। कहीं पर किसी भी कोने में बैठकर ठग आपके पैसों को निकालने में माहिर हैं। सायबर सेल के अधिकारी भी मान चुके हैं कि ग्राह की जागरुकता ही उसको ठगी से बचा सकती है। ठग सबसे पहले फर्जी सिम का उपयोग करता है उसके पकड़े जाने के संभावना न के बराबर रह जाती है। सायबर पुलिस ठग के पास तक पहुंच भी जाए तो उसकी पहचान कैसे की जाए कि ठगी करने वाले व्यक्ति वही है ऐसे कई प्रश्न है। हमेशा अपना पासवर्ड गोपनीय रखेंं और आनलाइन लेनदेन करते समय अतिरिक्त सर्तकता बरतें।

* किसी भी योजना कार्ड बनवाने के लिए फिंगर प्रिंट का उपयोग अधिकृत केन्द्रों पर ही करें।

* ई-मित्र बैंक मित्र ग्राहक सेवा केन्द्र आदि जगहों पर फिंगर प्रिंट देते समय सावधानी बरतें।

* किसी भी अंजान व्यक्ति को अपना आधार कार्ड नहीं दें और न ही फोटो खीचने दें।

* बैंक खाते में लिंक मोबाइल नम्बर चालू रखें, बैंक से आने वाले मैसेज देखते रहे जिससे लेनदेन की जानकारी मिलती रहे।

* बैंक खाते में पंजीकृत नम्बर बंद हो जाए तो नवीन नम्बर अपडेट कराएं जिससे धोखाधड़ी से बचा जा सके।

* अपने नाम से जारी सिम की जानकारी रखें व टीएएफसीओपी पोर्टल से जानकारी चेक करते रहें।

शिक्षण संस्थानों में पुलिस ने बताए बचने के तरीके

तत्कालीन एएसपी राजेश दंडौतिया ने शहर के एक सैकड़ा से ज्यादा शिक्षण संस्थानों में छात्र छात्राओं के बीच जाकर उनको बताया कि सायबर ठगी से कैसे बचा जाए। पुलिस के लगातार प्रयास से काफी लोग जागरुक भी हुए है और अपने खाते की जानकारी अब सार्वजनिक नहीं करते हैं।

ऐसे भी बनाते हैं शिकार

एटीएम बैंक में ठगों ने फर्जी नम्बर हेल्पलाइन नम्बर लिख दिए हैं। कई लोगों को रकम निकालते समय परेशानी होने पर जब ग्राहक ने सम्पर्क किया है तो उसे ठगों ने अपना शिकार बनाया। तो वहीं मदद करने के बहाने भी लोगों को ठग एटीएम बैंक में कार्ड बदलकर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है।

सायबर अपराध से बचने के लिए हेल्पलाइन डेस्क बनाई गई हैं। लोगों को जागरुक करने के लिए समय समय पर संवाद भी किया जाता है। आनलाइन लेनदेन करते समय काफी सावधानी बरतना चाहिए।

ऋषिकेश मीणा

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध शाखा

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