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समीक्षा के कारण हार की तकलीफ है और रहेगी: नारायण सिंह

कांग्रेस नेताओं ने खूब बुलाया पर पार्टी की आस्था नहीं छोड़ी

Update: 2020-09-22 01:00 GMT

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि।ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट भाजपा के लिए बेहद कठिन मानी जाती थी और दिग्विजय सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे भगवान सिंह यादव की इस क्षेत्र में तूती बोल रही थी। ऐसे में भाजपा को जिताऊ चेहरे की तलाश थी। चूंकि इससे पिछले चुनाव में दिग्गज नेता अनूप मिश्रा भी पराजित हो चुके थे। इसलिए परेशानी और भी बढ़ गई थी। तब भाजपा के तरकस से नारायण सिंह कुशवाह के रूप में एक ऐसा तीर निकला, जिसने न सिर्फ भगवान सिंह के दंभ को तोड़ा बल्कि उसके बाद दो विधानसभा चुनाव और भी जीतकर इस सीट पर स्थाई कब्जा कर लिया। किंतु वर्ष 2018 का विधानसभा चुनाव उनके लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा, क्योंकि उन्हीं के दल की पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता ने जब इसी क्षेत्र से टिकट चाहा और बात नहीं बनने पर वह निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गईं, जिससे नारायण सिंह को मात्र सवा सौ मतों से हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के दो की लड़ाई में कांग्रेस के युवा नेता प्रवीण पाठक विजयी हो गए। चुनाव के बाद से ही नारायण सिंह कुशवाह के ऊपर जैसे वज्रापात सा हुआ है। वे पार्टी की गतिविधियों में भी हिस्सा नहीं ले रहे। इसके बाद पिछले दिनों जिस वजह से उनकी पराजय हुई थी वह समीक्षा गुप्ता वापस भाजपा में लौट आईं। वैसे श्री कुशवाह अस्वस्थ हैं। जबकि कुछ लोग यह कहने लगे कि वे कोप भवन में हैं और किसी का मोबाइल भी रिसीव नहीं कर रहे। स्वदेश ने इन्हीं सब बातों को लेकर पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह से बात की।

सवाल:- आपका स्वास्थ्य कैसा है?

जवाब:- मेरा स्वास्थ्य धीरे-धीरे ठीक हो रहा है। घर पर ही आराम कर रहा हूं।

सवाल:- कोरोना संक्रमण के बाद आप भोपाल के चिराऊ अस्पताल में भर्ती थे, ग्वालियर आए कितने दिन हो गए?

जवाब:- मुझे भोपाल के अस्पताल से ग्वालियर आए 25 दिन हो चुके, कुछ कमजोरी है इसलिए बाहर नहीं निकल रहा।

सवाल:- पिछले कुछ समय से पार्टी की गतिविधियों में दिखाई नहीं दे रहे, कोई वजह, क्या आप नाराज हैं?

जवाब:- नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। स्वास्थ्य खराब होने के कारण ही किसी गतिविधि में हिस्सा नहीं ले रहा। क्योंकि चिकित्सकों ने आराम करने की सलाह दी है और स्वास्थ्य ही सर्वोपरि है।

सवाल:- पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता की भाजपा में वापिसी हुई है, क्या कहना चाहेंगे?

जवाब:- यह पार्टी का निर्णय है, उसी ने समीक्षा को निकाला था और उसी ने उन्हें वापस भी ले लिया।

सवाल:- समीक्षा गुप्ता के कारण आपकी पराजय हुई, इससे कहीं न कहीं आपको तकलीफ तो हुई होगी?

जवाब:- तकलीफ तो बहुत हुई और रहेगी भी। किंतु राजनीति है, ये तो होता ही रहता है।

सवाल:- आपके बारे में बार-बार यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस आपके संपर्क में है क्या कांग्रेस में जाने की इच्छा है?

जवाब:- हां यह बात सही है कि कई बड़े कांग्रेस नेताओं ने मुझसे संपर्क कर कांग्रेस में आने के लिए कहा। इस तरह के काफी फोन आए किंतु मेरी आस्था नहीं डगमगाई। मैं भाजपा में ही हूं और भाजपा में ही रहूंगा।

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