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69 लोकतंत्र सेनानी ताम्रपत्र से सम्मानित लोकतंत्र बचाने में मीसाबंदियों की महती भूमिका: तोमर

69 लोकतंत्र सेनानी ताम्रपत्र से सम्मानित लोकतंत्र बचाने में मीसाबंदियों की महती भूमिका: तोमर

Update: 2018-06-11 07:26 GMT

ग्वालियर,
 आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की हत्या कर दी गयी थी। 1 लाख 10 हजार से ज्यादा सामाजिक और राजनैतिक कार्यकर्ताओं को बिना मुकदमा चलाए जेलों में बंद कर दिया गया था। जिसके कारण पूरा देश कारागार बन गया था। इसलिए देश को आपातकाल के इतिहास से परिचित कराते रहना जरूरी है। आपातकाल में लोकतंत्र को बचाने में मीसाबंदियों की महती भूमिका रही है।

उन्होंने राज्य के लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष को सम्मानित करने के लिए दी जा रही सुविधाओं के लिए मुख्यमंत्री  शिवराजसिंह को धन्यवाद दिया।
यह बात स्थानीय सांसद एवं केन्द्रीय पंचायतीराज, ग्रामीण विकास एवं खनन मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने रविवार को लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान पत्र भेंट करते हुए कही। इस अवसर पर आपातकाल के दौरान 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक जेलों में बिना मुकदमा चलाए निरुद्ध रहे ग्वालियर जिले के सामाजिक एवं राजनैतिक कार्यकर्ताओं को राज्य सरकार की ओर से सम्मान स्वरूप 'ताम्रपत्र से सम्मानित किया गया।

 यह हुए सम्मानित

समारोह में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने 69 लोकतंत्र सेनानियों को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया। इनमें लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव मदन बाथम, प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन विटवेकर, वीरेन्द्र वाष्र्णेय, अमृत सिंह सिकरवार, गजेन्द्र गड़कर,  गुलशन गोगिया, के पी सिंह, ज्ञानप्रकाश गर्ग, पुनीत सक्सेना आदि शामिल रहे।

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