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सौरमंडल में दोबारा घटित होगी 774 वर्ष पुरानी अद्भुत खगोलीय घटना, इन राशियों पर पड़ेगा ये प्रभाव

गुरु और शनि होंगे एक साथ दिखेगा 1 सप्ताह तक नजारा,

Update: 2020-12-06 01:45 GMT

ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। खगोल विज्ञान और ज्योतिष की दृष्टि से दिसंबर माह में एक विलक्षण घटना घटने वाली है। वैज्ञानिक भी इस कॉमिनेशन को लेकर बहुत उत्सुक हैं और उनकी निगाहें भी इन दोनों ग्रहों के एक सप्ताह तक बनने वाले अद्भुद योग पर टिकी हैं। खगोल विज्ञान में यह ग्रह पृथ्वी के बाहरी पड़ोसी हैं, इसलिए उनका पृथ्वी के इतने करीब आना अपने आप में बहुत विलक्षण होगा। वही ज्योतिष विद्वान भी इसे अद्भुद योग मान रहे हैं। शास्त्र और पंचांग के हवाले से ज्योतिषीय यह दावा कर रहे हैं कि यह घटना 700 साल बाद पुन: होने वाली है। ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार 16 से 25 दिसंबर के बीच सौर मंडल में न्याय के देवता शनि और देव गुरु बृहस्पति एक दूसरे के बहुत करीब आने वाले हैं। यह दोनों बड़े ग्रह इन दिनों मकर राशि में संचार कर रहे हैं। मकर राशि शनि देव की अपनी राशि है जबकि देव गुरु बृहस्पति 20 नवंबर को इस राशि में आकर नीच के हो चुके हैं। सौरमंडल के दो बड़े ग्रहों का इतना करीब आना ज्योतिष में इसे भेद युति माना जाता है।

गुरु शनि के निकटता का महत्व

वशिष्ठ संहिता के गृह युद्ध अध्याय में तो यहां तक कहा गया है कि जब दो ग्रह इतने निकट आ जाएं की धरती से देखने पर दोनों के बिना एक ही भूत हो जाए तब उसे भेदयुति कहते हैं। यानि दोनों ग्रहों को नंगी आंखों से देखने पर भेद नहीं किया जा सकता कि इनमें से कौनसा ग्रह शनि है और कौन बृहस्पति है। अभी यह दोनों ग्रह पश्चिम दिशा में सूर्यास्त के बाद दिखाई देते हैं। 21 दिसंबर के दिन केवल जीरो पॉइंट 1 डिग्री की दूरी पर यह रहेंगे।

राशियों पर पड़ेगा प्रभाव

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि शनि और गुरू का प्रभाव 7 राशियों पर खास पडऩे वाला है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन राशि के लिए शनि और गुरु का कॉमिनेशन बहुत ही शानदार होगा। मेष, वृषभ, कर्क और मकर राशि के लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना होगा। वहीं कन्या राशि के लिए यह कॉमिनेशन सामान्य होने वाला होगा।


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