डेंगू के बाद अब स्वाइन फ्लू दे सकता है दस्तक, स्वास्थ्य विभाग में नहीं कोई तैयारी
यह स्थिती तब है जब डेंगू अपने पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ चुका है और लोग परेशान हैं।
ग्वालियर, न.सं.। अंचल में डेंगू का प्रकोप इन दिनों कम होने का नाम नहीं ले रहा है और मौसम में परिर्वतन होने के साथ ही स्वाइन फ्लू दस्तक दे सकता है। उसके बाद भी स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए शासकीय अस्पतालों में अभी कोई तैयारी शुरू नहीं की गई है। दरअसल तापमान 25 डिग्री से कम होने पर स्वाइन फ्लू का वायरस बढ़ता और फैलता है। मौसम में बढ़ी ठंडक और ताममान में गिरावट इस वायरस को फैला सकती है। वायरस फैलने की अशंका के चलते लोगों को सचेत रहने की जरूरत है। चिकित्सकों के अनुसार पास वर्ष से कम और 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं में स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से फैलता है। लेकिन उसके बाद भी अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वाइन फ्लू से निपटने के कोई इंतजार नहीं किए गए हैं। यह स्थिती तब है जब डेंगू अपने पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ चुका है और लोग परेशान हैं।
क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू सूअरों में होने वाला सांस संबंधी एक अत्यंत संक्रामक रोग है जो कई स्वाइन इंफ्लुएंजा वायरसों में से एक से फैलता है। आमतौर पर यह बीमारी सूअरों में ही होती है लेकिन कई बार सूअर के सीधे संपर्क में आने पर यह मनुष्य में भी फैल जाती है। ये बलगम और छींक के सहारे मनुष्य से मनुष्य में फैलती है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू के लक्षण आम मानवीय फ्लू से मिलते-जुलते ही हैं। बुखार, सिर दर्द, सुस्ती, भूख न लगना और खांसी। कुछ लोगों को इससे उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं। गंभीर मामलों में इसके चलते शरीर के कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं, जिसके चलते इंसान की मौत भी हो सकती है।
कैसे करें बचाव
स्वाइन फ्लू से बचने का सबसे अच्छा तरीका साफ सफाई है। छींकते समय हमेशा अपनी नाक और मुंह कपड़े से ढंककर रखें। छींकने के बाद अपने हाथ जरूर धोएं। गंदगी से वायरस बड़ी आसानी से फैलता है, इसलिए साफ-सफाई और हाईजीन का विशेष ख्याल रखें। बीमार के संपर्क में कम से कम जाएं और जाना मजबूरी हो तो पूरी ऐहतियात बरतें।