ग्वालियर, न.सं.। गर्मी के कारण जहां डायरिया, टायफायड एवं पीलिया के मरीज जहां बड़ी संख्या में चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं, वहीं साफ-सफाई में लापरवाही और संक्रमण के कारण एक्जिमा, खुजली, दाद आदि के मरीजों में भी इफाजा होने लगा है। यही कारण है कि जयारोग्य चिकित्सालय के त्वचा रोग विभाग की ओपीडी में 30 प्रतिशत तक फंगल इन्फेक्शन के मरीजों में वृद्धि हुई है। इसके अलावा निजी चिकित्सकों में भी त्वचा संबंधित बीमारियों से पीडि़त मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। जयारोग्य चिकित्सालय के त्वचा रोग विभाग की ओपीडी की बात करें तो यहां प्रतिदिन 300 तक की ओपीडी हो रही है। इसमें 30 प्रतिशत मरीज सिर्फ फंगल इन्फेक्शन के हैं। वहीं निजी अस्पतालों में भी त्वचा संबंधी मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। जयारोग्य के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. कमल भदौरिया का कहना है कि इस बीमारी में त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते पड़ते हैं। खुजली के साथ दर्द होता है, त्वचा में रूखी परत सी जमती है।
उपचार से पूरी तरह ठीक हो जाती है बीमारी
गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय त्वचारोग विभागाध्यक्ष डॉ. अनुभव गर्ग ने बताया कि त्वचा रोग गर्मी आने पर बढ़ जाता है। फंगल इन्फेक्शन सबसे पहले शरीर के पसीना रुकने वाले स्थानों पर अधिक होता है, जैसे बगल, जांघ, छाती का निचला भाग और उंगलियों का बीच, लेकिन दवाओं के सेवन से बीमारी पूरी तरह ठीक हो जाती है। डॉ. गर्ग ने सलाह देते हुए बताया कि त्वचा रोग से बचने के लिए पसीना आने वाले शरीर के स्थानों को सूखा रखें, जिसके लिए पाउडर का इस्तेमाल करें। साथ ही उपचार योग्य चिकित्सक से कराएं।
बीच में न छोड़े दवा
डॉ. कमल भदौरिया का कहना है कि ओपीडी में आने वाले मरीजों में बहुत से ऐसे हैं जो आराम मिलने पर बीच में ही दवा छोड़ देते हैं, जिस कारण उन्हें फिर से फंगल इन्फेक्शन अपनी चपेट में ले लेता है। इसलिए दवा का पूरा कोर्स लेना बहुत जरूरी होता है। इसके बाद फंगल के होने की संभावना कम हो जाती है।
ऐसे बचें फंगल इन्फेक्शन से
- हल्के रंग के सूती और ढीले-ढाले कपड़े पहनें।
- त्वचा के लिए एंटी बैक्टीरियल साबुन का प्रयोग करें।
- पहले से इन्फेक्शन होने पर पहने गए कपड़ों को गर्म पानी में उबालकर धोएं और धूप में सुखा लें।
- तौलिये को धूप में अच्छे से सुखाएं, कपड़े प्रतिदिन बदलें।
- मरीज के कपड़ों को अन्य कपड़ों से अलग धोएं।
- रोजाना ताजे और ठंडे पानी ने नहाएं।
- टैंक और गीजर के पानी का इस्तेमाल न करें।
- मीठा, लाल मिर्च और मसालेदार खाने से बचें।
- टाइट कपड़े न पहनें, जींस पहनने से बचें।