पाकिस्तान को 12 टुकड़ों में बांटने की तैयारी? सिंध पर सबसे बड़ा विवाद
पाकिस्तान में 4 की जगह 12 प्रांत बनाने की तैयारी, मंत्री अब्दुल अलीम खान छोटे प्रांतों की वकालत की, PPP ने सिंध के बंटवारे पर कड़ा विरोध जताया है।
पाकिस्तान में अक्सर प्रांतों की राजनीति तो सुनते रहे हैं, लेकिन इस बार मामला सीधा नक्शा बदलने तक पहुंच गया है। सरकार के एक ताकतवर मंत्री खुले मंच से कह रहे हैं कि अब चार नहीं, छोटे‑छोटे 12 प्रांत बनेंगे, जबकि भुट्टो की पार्टी सिंध को लेकर साफ चेतावनी दे रही है अल्लाह के सिवा कोई सिंध को बांट नहीं सकता।
नया पाकिस्तान या नया बंटवारा?
संचार मंत्री अब्दुल अलीम खान ने शेखूपुरा में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच एलान किया कि पाकिस्तान में छोटे‑छोटे प्रांत बनना अब तय है। उनका तर्क है कि भारत सहित पड़ोसी देशों में कई छोटे स्टेट/प्रोविन्स हैं, जहां प्रशासन चलाना आसान होता है, इसलिए पाकिस्तान में भी गवर्नेंस सुधारने के नाम पर यह कदम ज़रूरी है। अलीम खान की पार्टी इस्तेहकाम‑ए‑पाकिस्तान पार्टी (IPP) खुद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार का हिस्सा है, इसलिए इसे सिर्फ इधर‑उधर की बात कहकर टाला भी नहीं जा सकता।
कैसे बांटना चाहते हैं पाकिस्तान को?
अभी आधिकारिक नक्शा सामने नहीं आया, लेकिन जिन जोन और नामों पर चर्चा हो रही है, उनकी तस्वीर कुछ यूं बताई जा रही है।
पंजाब में तीन हिस्सों की चर्चा
- नॉर्थ पंजाब
- सेंट्रल/मिडल पंजाब
- साउथ पंजाब
दलील यह कि दक्षिणी पंजाब लंबे समय से खुद को उपेक्षित मानता है, वहां अलग प्रांत की मांग भी समय‑समय पर उठती रही है।
सिंध: सबसे संवेदनशील प्रांत
- कराची/कराची सिंध
- मध्य सिंध
- ऊपरला (अपर) सिंध
यहां सबसे बड़ा विवाद है। कराची और शहरी इलाकों के लिए MQM‑P जैसी पार्टियां सालों से अलग प्रशासनिक यूनिट की मांग कर रही हैं, जबकि सिंधी पार्टियां इसे पहचान पर हमला मानती हैं।
KP और बलूचिस्तान की नई काट
- खैबर पख्तूनख्वा (KP): नॉर्दर्न KP, साउदर्न KP, ट्राइबल/फाटा रीजन
- बलूचिस्तान: ईस्ट, वेस्ट, साउथ बलूचिस्तान
यह वही इलाके हैं जहां पहले से अलगाववाद, आतंक और संसाधनों के बंटवारे को लेकर तनाव गहरा है, ऐसे में नई सीमाएं नए सवाल भी खड़े कर सकती हैं।
सिंध को कोई नहीं बांट सकता: PPP
बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने तुरंत फ्रंट फुट पर आकर इस प्लान का विरोध किया, खासकर सिंध के बंटवारे को लेकर। सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह पहले भी कह चुके हैं कि “अल्लाह के अलावा किसी में सिंध को बांटने की ताकत नहीं है” और हाल में फिर दोहराया कि सिंध के हितों के खिलाफ कोई कदम स्वीकार नहीं होगा। PPP का पुराना स्टैंड है कि सिंध के टुकड़े करना उसकी भाषाई, सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान पर सीधा हमला होगा। पार्टी इसे “साजिश” की तरह पेश कर अपने कोर वोट बैंक को मैसेज दे रही है कि वह किसी भी कीमत पर सूबे की भौगोलिक इकाई नहीं बदलेगी।