भारत के 5800 मेनाशे यहूदियों को घर ले जाएगा इजराइल, 5 साल में ट्रांसफर की तैयारी
भारत में बचे 5800 मेनाशे यहूदियों को ले जाएगा इजराइल, अगले 5 साल में अपने यहां बसाएगा। अभी नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में रहते हैं।
इजराइल ने बड़ा फैसला लिया है। भारत के नॉर्थ-ईस्ट में बसे बनेई मेनाशे समुदाय के 5800 यहूदियों को अगले पांच साल में इजराइल ले जाने की मंजूरी मिल गई है। ज्यूइश एजेंसी फॉर इजराइल ने बताया सरकार 2030 तक इन सभी को इजराइल बसाएगी।
पहला फेज 1200 लोग दो साल में जाएंगे
शुरुआती लिस्ट में 1200 लोग हैं, जिनके रिश्तेदार पहले से इजराइल में हैं। इजराइल के धार्मिक गुरु श्लोमो अमार 2005 में इन्हें 'इजरायली मूल' की मान्यता दे चुके हैं। अब वहां करीब 2500 मेनाशे पहले से रहते हैं, कई युवा सेना में तक सेवाएं दे रहे हैं।
रब्बियों की सबसे बड़ी टीम आएगी भारत
बसाने से पहले यहूदी रब्बियों की रिकॉर्ड टीम भारत पहुंचेगी, जो बनेई मेनाशे परिवारों की धार्मिक पहचान, परंपराएं और नियम जांचेगी। टीम हर गांव और घर जाकर 3000 से ज्यादा लोगों का इंटरव्यू लेगी, धार्मिक कानून (हलाखा) और परंपरा की पुष्टि करेगी।
जांच के बाद कन्वर्जन, दस्तावेज और उड़ानें
रब्बी टीम की पड़ताल पूरी होने के बाद कन्वर्जन क्लासेज, डॉक्यूमेंटेशन और फ्लाइट्स की तैयारी होगी। पूरे मिशन पर इजराइल सरकार 240 करोड़ रुपये का बजट खर्च करेगी। चीफ रब्बीनेट, कन्वर्जन अथॉरिटी और इमिग्रेशन प्राधिकरण पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
पक्की पहचान, फिर इजराइल रवाना
धार्मिक ट्रेनिंग और औपचारिकताओं के बाद हर योग्य फैमिली को इजराइल शिफ्ट किया जाएगा नया देश, नई शुरुआत; लेकिन जड़ें पहचान की खोलेगी रब्बियों की टीम। पूर्वोत्तर के गांवों में बसे यहूदी समुदाय के लिए, यह फैसला घर वापसी की सबसे बड़ी तैयारी।