पाकिस्तान ने राम मंदिर में पीएम मोदी के ध्वजारोहण का विरोध किया
पाकिस्तान ने अयोध्या राम मंदिर में पीएम मोदी के ध्वजारोहण का विरोध किया, भारत ने अल्पसंख्यकों पर उसके आरोपों पर जवाब दिया।
अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को ध्वजारोहण किए जाने के बाद पाकिस्तान ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। इस विरोध ने एक बार फिर भारत–पाकिस्तान के बीच धार्मिक स्थलों, अल्पसंख्यकों और विरासत को लेकर चल रही पुरानी बहस को हवा दे दी है।
मुस्लिम विरासत मिटाई जा रही है- पाकिस्तान
इस्लामाबाद ने बयान जारी कर कहा कि राम मंदिर वही स्थान है जहां पहले बाबरी मस्जिद थी और इसे 1992 में गिरा दिया गया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ध्वजारोहण को भारत में मुसलमानों पर बढ़ते दबाव और मुस्लिम विरासत मिटाने की कोशिश बताया। इसके साथ ही पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की भी मांग कर डाली।
ध्वजारोहण का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
मंगलवार सुबह अभिजीत मुहूर्त में पीएम मोदी ने 161 फीट ऊंचे शिखर पर 2 किलो की केसरिया धर्मध्वजा फहराई। ध्वजारोहण होते ही पीएम मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथ जोड़कर प्रणाम किया। यह आयोजन राम मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक और ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है।
पाकिस्तान के आरोप पर भारत की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत में मुसलमानों के धार्मिक स्थल खतरे में हैं, अदालतों ने बाबरी मस्जिद के मामले में पक्षपात किया और हिंदुत्व को बढ़ावा दिया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान का यह बयान वैश्विक मंच पर अपनी छवि सुधारने का प्रयास भर है, क्योंकि वहीं अपने देश में अल्पसंख्यक हिंदू, सिख और ईसाई भारी हिंसा और भेदभाव झेल रहे हैं।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति भयावह
अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में कहा गया है कि 2025 की पहली छमाही में अल्पसंख्यकों पर कई हमले हुए हैं। दोषियों पर पाकिस्तान सरकार ने सख्त कार्रवाई नहीं की। चर्चों पर हमले, मंदिर जलाए जाने और जबरन धर्म परिवर्तन आम बातें हैं। सिंध और पंजाब में हिंदू व ईसाई लड़कियों के अपहरण और जबरन शादी के मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई है। कुछ साल पहले 100 साल पुराने हिंदू मंदिर में आग लगाया जाना भी दुनिया ने देखा था।
2024 की प्राण प्रतिष्ठा पर भी विरोध
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा (22 जनवरी 2024) पर भी पाकिस्तान ने इसी तरह प्रतिक्रिया दी थी। उस समय उसने कहा था कि मंदिर ध्वस्त मस्जिद की जमीन पर बनाया गया है और यह भारतीय लोकतंत्र के माथे पर कलंक है।
इजराइल ने दी भारत को बधाई
वहीं इजराइल ने इस आयोजन को सभ्यता के इतिहास का महत्वपूर्ण क्षण बताया। भारत में इजराइल के राजदूत रूवेन अजार ने X पर तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि अयोध्या में ध्वजारोहण भारत की सांस्कृतिक विरासत का गौरवपूर्ण क्षण है।