अमेरिका अब रूस को ‘खतरा’ नहीं कहेगा: नई नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी जारी

अमेरिका की नई सुरक्षा रणनीति में रूस को ‘खतरा’ नहीं कहा। ट्रम्प ने यूरोप को चेताया 20 साल में अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।

Update: 2025-12-07 10:00 GMT

अमेरिका की विदेश नीति में बड़ा मोड़ आ गया है। ट्रम्प प्रशासन ने वह कदम उठा दिया, जिसकी चर्चा महीनों से चल रही थी नई नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी (NSS) में अमेरिका अब रूस को आधिकारिक रूप से “खतरा” नहीं बताएगा। यह कदम सिर्फ दस्तावेज़ बदलने भर का नहीं, बल्कि अमेरिकी रणनीति के केंद्र में बैठे अमेरिका फर्स्ट एजेंडा की नई परिभाषा माना जा रहा है। 

NSS में बड़ा बदलाव: रूस अब ‘डायरेक्ट थ्रेट’ नहीं

शुक्रवार को जारी किए गए 29 पन्नों के दस्तावेज़ में अमेरिका ने पहली बार यह स्पष्ट किया कि वह रूस के लिए "डायरेक्ट थ्रेट", एडवर्सरी या दुश्मन जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस बदलाव का स्वागत करते हुए कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। याद दिला दें  2014 में क्रीमिया अधिग्रहण और 2022 की यूक्रेन जंग के बाद अमेरिका लगातार रूस को सबसे बड़ी चुनौती कहता रहा था। लेकिन इस नई रणनीति में रूस को लेकर नरमी दिखती है और कुछ क्षेत्रों में सहयोग की गुंजाइश भी जताई गई है।

ट्रम्प का नया फॉर्मूला- लचीला यथार्थवाद

यह दस्तावेज़ ट्रम्प की विदेश नीति के नए दर्शन फ्लेक्सिबल रियलिज़्म पर आधारित है। इसका मूल सिद्धांत बेहद सीधा है अमेरिका के लिए जो फायदेमंद है वही किया जाएगा। विदेश नीति में विचारधारा नहीं, हित प्राथमिक है युद्ध नहीं, समझौता प्राथमिक साथ ही बड़े पावर ब्लॉक्स से टकराव नहीं, मोलभाव पर फोकस करना। दस्तावेज़ में साफ कहा गया है कि अमेरिका का उद्देश्य यूक्रेन युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करना है और रूस के साथ रणनीतिक स्थिरता बहाल करना भविष्य के संघर्ष रोकने के लिए जरूरी है। 

यूरोप पर ट्रम्प की कड़ी चेतावनी- 20 साल में अस्तित्व मिट सकता है 

नई NSS में यूरोप को लेकर बेहद तीखा रुख अपनाया गया है। दस्तावेज़ कहता है लगातार गिरती जन्म दर, अनियंत्रित इमिग्रेशन राष्ट्रीय पहचान का कमजोर होना और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर पाबंदियां यूरोप को आने वाले दशकों में बेहद कमजोर बना देंगे। ट्रम्प का दावा है कि बहुत से यूरोपीय देश इतने बिखर जाएंगे कि वे अमेरिका के भरोसेमंद सहयोगी नहीं रह पाएंगे। NSS में यूरोपीय संघ और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं पर आरोप लगाया गया है कि वे सदस्य देशों की संप्रभुता को कमजोर करते हैं। इसके विपरीत, यूरोप में उभर रहे  देशभक्त दलों की सराहना भी की गई है।

Tags:    

Similar News