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26/11 मुंबई हमले में मारे गए 10 आतंकियों के लिए पाक में प्रार्थना करवा रहा हाफिज सईद

Update: 2020-11-26 06:21 GMT

नई दिल्ली। 12 साल पहले मुंबई हमले में मारे गए आतंकियों के लिए पाक में एक विशेष प्रार्थना सभा रखी गई है। बता दें कि यह सभा लश्कर-ए-तैयबा के राजनीतिक मोर्चा जमात-उद-दावा, जिसका मुखिया आतंकी हाफिज सईद ने रखी है।

हम आपको बता दें कि मुंबई हमले में 9 आतंकियों को ढेर कर दिया गया था, जबकि एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। कसाब को बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी, जबकि एक, अजमल कसाब को 21 नवंबर 2012 को कानून की उचित प्रक्रिया के बाद फांसी पर लटका दिया गया था।

इधर, पाकिस्तान ने आग में तेल डालने का काम करत हुए जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को समर्थन देने के लिए एक राजनीतिक मंच जेके यूनाइटेड यूथ मूवमेंट भी ​​शुरू किया है।

खुफिया सूचनाओं के अनुसार, लश्कर के जिहाद विंग के मुख्य ऑपरेशनल कमांडर और प्रमुख जकी-उर-रहमान लखवी अक्टूबर में लश्कर और जमात उद दावा के सह-संस्थापक हाफिज सईद से मिलने उनके आवास लाहौर के जौहर टाउन गया था। यह मीटिंग जिहाद के लिए पैसा इकट्ठा करने के संबंध से जुड़ी थी। खुफिया सूचनाओं ने सुझाव दिया कि कश्मीर में खराब हालात पैदा करने के लिए पाकिस्तान की धरती से पैसा इकट्ठा करने के लिए जमात उद दावा अथवा लश्कर द्वारा एक ठोस प्रयास है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि इस्लामाबाद आतंकवादियों को शरण देने से इनकार करता है।

इसके अलावा आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की रवैये की बात करें तो अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार ने 26/11 के मुंबई हमलों के अपराधियों के खिलाफ भी कोई एक्शन लेने से इनकार कर दिया था। भारत द्वारा प्रदान किए गए "सबूत" पर कार्रवाई करने से इनकार करते हुए पाकिस्तान ने कहा था कि सईद और अन्य लोगों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं थे।

लाहौर में जमात के कैडर की एक मीटिंग 26 फरवरी को हुई थी। जिसमें सईद ने आतंकवादियों से कहा कि जमात के नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों से परेशान न हों। 19 नवंबर को पाकिस्‍तान की एक अदालत ने सईद और उसके दो खास लोगों को आतंकी फंडिंग के मुकदमे में कुल साढ़े 10 साल जेल की सजा सुनाई थी। इसे पाकिस्‍तान पर फायनेंशियल ऐक्‍शन टास्‍क फोर्स में बनाए गए दबाव के नतीजे की तरह देखा जा रहा है।

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