सोनिया गांधी ने रायबरेली के नाम लिखा भावुक पत्र, बताया चुनाव ना लड़ने का कारण
नईदिल्ली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा छोड़ राज्यसभा जाने का निर्णय लिया है। वह करीब दो दशक तक रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंची है। लेकिन राज्यसभा के लिए पना नामांकन पत्र दाखिल करते ही रायबरेली से ये रिश्ता टूट गया। नामांकन के बाद उन्होंने रायबरेली लोकसभा क्षेत्र के अपने समर्थकों के नाम एक पत्र लिखा है। जिसमे उन्होंने भावुक अपील और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही चुनाव ना लड़ने का कारण बताया।
सोनिया गांधी का भावुक संदेश
मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर आप लोगों में मिलकर पूरा होता है। यह स्नेह नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है।
रायबरेली के साथ हमारे परिवपार के रिश्तों की जड़ें बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर फीरोज गांधी जी को यहां से जिताकर दिल्ली भेजा। उनके बाद मेरी सास इंदिरा गांधी जी को आपने अपना बना लिया। तब से अब तक, यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई।
आपने मेरा साथ दिया -
इसी रौशन रास्ते पर आपने मुझे भी चलने की जगह दी। सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिए खोकर मैं आपके पास आई और आपने अपना आंचल मेरे लिए फैला दिया। पिछले दो चुनावों में विषम परिस्थितियों में भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, मैं यह कभी भूल नहीं सकती। यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूं, आपकी बदौलत हूं और मैंने इस भरोसे को निभाने की हरदम कोशिश की है।
चुनाव न लड़ने का ऐलान -
अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगी। इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा। मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब संभालते आए हैं।
बड़ों को प्रणाम! छोटों को स्नेह! जल्द मिलने का वादा! आपकी सोनिया गांधी।