संघ समाज जीवन में काम कर रही रचनात्मक सज्जन शक्तियों से स्वयं जुड़ेगा
जबलपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दिनांक 30, 31 अक्टूबर एवं 1 नवम्बर 2025 को बैठक
जबलपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा अब संघ समाज जीवन में काम कर रही रचनात्मक सज्जन शक्तियों से स्वयं जुड़ेगा और घर घर जा कर संपर्क करेगा। श्री सुनील आंबेकर ने पत्रकार वार्ता में बताया कि यह तीन दिवसीय बैठक मुख्य रूप से संघ के कार्यों की समीक्षा और विस्तार से चर्चा के लिए आयोजित की जा रही है। यह वर्ष संघ का शताब्दी वर्ष है। शताब्दी वर्ष का शुभारंभ नागपुर में इसी माह विजयादशमी (2 अक्टूबर) के विशेष कार्यक्रम के साथ हुआ। इस अवसर पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में पूज्य दलाई लामा जी का शुभ संदेश भी आया, जिसका वाचन किया गया।
सरसंघचालक जी ने संघ कार्य और देश की वर्तमान परिस्थितियों के संदर्भ में व्यापक मार्गदर्शन प्रदान किया। बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने गणवेश में सहभाग लिया लगभग 14,101 स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित थे। नागपुर के नागरिकों सहित समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोग एवं कुछ विदेशी अतिथि भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
विजयादशमी के कार्यक्रम और शताब्दी वर्ष की शुरुआत
देशभर में शाखा, बस्ती और मंडल स्तर पर विजयादशमी उत्सव आयोजित किए गए। प्रत्येक स्थान पर शताब्दी वर्ष का शुभारंभ हुआ। यह देखा गया कि बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने गणवेश धारण कर इस उत्सव में भाग लिया।
शताब्दी विशेष कार्यक्रमों की रूपरेखा
श्री सुनील आंबेकर ने कहा कि देशभर में ‘शताब्दी वर्ष’ के अंतर्गत विशेष कार्यक्रमों की शुरुआत हो चुकी है। जल्द ही ‘गृह संपर्क या घर-घर संपर्क अभियान’ पूरे देश में चलाया जाएगा। प्रत्येक प्रांत अपनी सुविधा और योजना के अनुसार 25 से 40 दिनों तक इस अभियान को चलाएगा। इसके लिए विशेष सामग्री तैयार की गई है साहित्य, फोल्डर और एक छोटी पुस्तिका। इसमें ‘पंच परिवर्तन’ का संदेश दिया गया है, जिसमें सामाजिक परिवर्तन के पांच प्रमुख विषय शामिल हैं:
- कुटुंब प्रबोधन
- सामाजिक समरसता
- पर्यावरण के अनुरूप जीवन शैली
- स्वावलंबन आधारित जीवन
- नागरिक कर्तव्य बोध
इन विषयों को लेकर स्वयंसेवक घर-घर जाकर संवाद करेंगे। कई प्रांतों में इस अभियान की शुरुआत भी हो चुकी है और नवंबर से जनवरी तक यह अभियान अधिकतर प्रांतों में चलेगा।
स्थानीय कार्यक्रम
स्थानीय स्तर पर अर्थात् बस्ती और मंडल स्तर पर हिंदू सम्मेलनों के आयोजन की भी योजना बनाई गई है। इस बैठक में इन आयोजनों की विस्तृत जानकारी, स्थानों की संख्या, योजना और स्वरूप पर भी चर्चा होगी।
आगामी योजनाएं और अन्य कार्यक्रम
शताब्दी वर्ष से संबंधित अन्य कार्यक्रमों की रूपरेखा लगभग सभी प्रांतों में तैयार हो चुकी है। इनमें विशेष रूप से शामिल हैं
प्रमुख नागरिक गोष्ठियां: सद्भावना बैठकों का आयोजन (तहसील व खंड स्तर पर)
युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम: इन सभी विषयों पर कार्यकर्ताओं द्वारा विस्तृत चर्चा एवं अनुभव साझा किए जाएंगे।