SwadeshSwadesh

नक्सलवादी कम्युनिस्टों के विरुद्ध आरपार की लड़ाई कब

डॉ.रामकिशोर उपाध्याय - अ.भा.कवि एवं स्तंभकार

Update: 2021-04-05 19:07 GMT

नक्सलवादी–कम्युनिस्ट, देश के बहादुर जवानों को लगातार निशाना बनाते जा जारहे हैं | कहीं सोते समय टेंट में आग लगाकर,कहीं लैंड माइन बिछाकर या कहीं अचानक से हमला बोलकर| बलिदानी सैनिकों के शवों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है | कितने दुःख और आश्चर्य की बात है कि आज तक किसी भी सरकार को इन माओवादी-कम्युनिस्टों और नक्सलवादी-कम्युनिस्टों (जो अब एक हो गए हैं) का नामो निशान मिटाने नहीं दिया गया | खालिस्तानी मूवमेंट तक समाप्त हो गया किन्तु नक्सलवाद पर नकेल नहीं डाली गई या कहें कि डालने नहीं दी गई | एक अखलाख की मृत्य होती है तो पूरा देश असहिष्णु हो जाता है, हर अख़बार,पत्रिका में एक ही घटना छाई रहती है | देश के कलाकार,बुद्धिजीवी देश छोड़ने की धमकी देने लगते हैं | किन्तु अभी 24 जवानों की निर्मम ह्त्या कर दी गई,किसी को कोई फ़र्क नहीं पड़ा क्यों ? इससे पहले 2007 उरपलमेटा में सीआरपीएफ और ज़िला पुलिस का बल के 23 पुलिसकर्मियों की जान ले ली | 2007 में हीं बीजापुर में पुलिस कैप पर सोते में फायरिंग कर दी और टेंट को आग लगा कर 55 सिपाहियों को क्रूरता पूर्वक मार डाला गया | इस हत्यारी विचारधारा जिसे आप कम्युनिस्ट कहते हैं, ने इतने नगरिकों और जवानों के प्राण लिए हैं कि आप गिनते-गिनते थक जाएंगे | ताड़मेटला, मदनवाड़ा, धोड़ाई, दंतेवाड़ा, श्यामगिरी, दरभा, दुर्गपाल से लेकर अब फिर बीजापुर में | इन कम्यनिस्ट आतंकवादियों के पक्ष में लेख लिखने वाले,नेरेटिव सेट करने वाले लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इनके पीछे खड़े हैं | समाज में इनके प्रति घृणा न हो,पूरा देश एक साथ एक स्वर में नक्सलवाद को जड़मूल से उखाड़ने को आंदोलित न हो जाए, इसके लिए वे रात-दिन तैयारी करते हैं|

जब भी कोई सरकार इन्हें मिटाने को संकल्पित होती है शहरों में बैठे तथाकथित अर्वन नक्सलवादी मानवाधिकार का रोना रोने लगते हैं | किन्तु अब देश के हुतात्मा वीर जवानों को सच्ची श्रद्दांजलि देने का समय आगया है और वह है हर प्रकार के नक्सलवाद का समूल नाश | अब देश को यह अपेक्षा वर्तमान केंद्र सरकार से है, जिस प्रकार पुलवामा का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के भीतर घुसकर आतंवादियों के कैम्प ध्वस्त किये वैसे ही नक्सलवादियों से बदला लेने के लिए समस्त नक्सल प्रभावी जिलों में एक साथ बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की आवश्यकता है | जिस प्रकार अलगाव वादियों की धमकियों से बिना डरे कश्मीर से धारा 370 समाप्त कर दी वैसे ही नक्सलवाद के विरुद्ध बड़े और कड़े साहसिक अभियान की तत्काल आवश्यकता है | 



Tags:    

Similar News