यूपी अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी का बयान, कुरान पढ़कर IAS-IPS नहीं बन सकते

कुरान पढ़ने से आदमी अच्छा इंसान तो बन सकता है, लेकिन कोई IAS और IPS नहीं बन सकता है।

Update: 2021-07-15 06:36 GMT

मेरठ। बुधवार को मेरठ दौरे पर आए उप्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन अशफाक सैफी ने कहा कि कुरान पढ़ने से आदमी अच्छा इंसान तो बन सकता है, लेकिन कोई IAS और IPS नहीं बन सकता है। मगर डॉक्टर, इंजीनियर बनने के लिए विज्ञान, गणित, अंग्रेजी भी पढ़ना होगा। इसीलिए हम मदरसों को हाइटेक कर रहे हैं, वहां तकनीकी शिक्षा के साथ हर विषय की पढ़ाई कराई जा रही है।

चेयरमैन ने कहा कि उत्तर प्रदेश में संचालित मदरसों में कम बच्चों को ज्यादा दिखाकर सरकार से पैसे लेने का खेल चल रहा है। प्रदेश के मदरसों में तमाम गड़बड़ियां हो रही हैं। इनको अब रोका जाएगा। आयोग ने प्रदेश स्तरीय जांच समिति बना दी है, जो प्रदेश के सभी मदरसों की जांच करेगी।

गड़बड़ी करने वालों पर होगा मुकदमा

चेयरमैन ने कहा जिस मदरसे में घपला मिला उसकी मान्यता रद्द होगी और मुकदमा दर्ज होगा। प्रदेश में बहुत ज्यादा शिकायतें मदरसों की आ रही हैं। वक्फ बोर्ड की जमीनों पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जे हो रहे हैं। ऐसे लोगों पर भी नजर रखी जा रही है। न्याय सबको मिलेगा। मदरसों में वजीफे और शुल्क प्रतिपूर्ति के नाम पर तमाम घोटाले हुए हैं। उनकी परतें अब खुल रही हैं। इस दौरान आयोग के चेयरमैन को सैफी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने अपनी परेशानियां बताईं। हसन सैफी ने शिकायत पत्र दिया।

मेरठ में हुआ था बड़ा घोटाला

मदरसों में छात्रों को मिलने वाले वजीफे और शुल्क प्रतिपूर्ति की रकम को हड़पने के लिए करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ था। बसपा सरकार के समय मेरठ-मुजप्फरनगर में तमाम मदरसे बिना मान्यता के संचालिए किए गए। इतना ही नहीं फर्जी छात्र दिखाकर करोड़ों रुपए के सरकारी बजट का बंदरबाद किया गया। जिसकी जांच ईओडब्लू ने भी की थी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पर एक्शन लिया गया था।

अशफाक को हाल ही में योगी सरकार ने बनाया है चेयरमैन

उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को आगरा के अशफाक सैफी को उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया है। उनके साथ ही सात सदस्य भी सरकार ने नामित किया है। इन सभी का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा।

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग में अध्यक्ष के अलावा आठ सदस्य होते हैं। आयोग के अध्यक्ष तनवीर हैदर उस्मानी का निधन अप्रैल 2019 में हो गया था, तब से यह पद रिक्त चल रहा था। सदस्यों के भी कई पद खाली थे। कुछ समय पहले ही सरकार ने आयोग में आगरा के अशफाक सैफी को अध्यक्ष बनाया है।

Tags:    

Similar News