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जनता दरबार: सीएम योगी ने सुनीं फरियादियों की समस्या, अधिकारियों की लापरवाही पर हुए खफा

योगी आदित्यनाथ एक-एक कर सभी फरियादियों के पास गए उनकी समस्या सुन अधिकारियों को समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए।

Update: 2021-07-14 12:38 GMT

लखनऊ/गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में अपने दौरे के दूसरे दिन बुधवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर में नित्य दिनचर्या के बाद जनता दरबार में लोगों की समस्या सुनीं। इस दौरान सीएम के जनता दरबार में गोरखपुर सहित विभिन्न जिलों से करीब 300 फरियादी पहुंचे। योगी आदित्यनाथ एक-एक कर सभी फरियादियों के पास गए उनकी समस्या सुन अधिकारियों को समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को जब जनता दरबार में लोगों की शिकायतें सुन रहे थे, तभी एक फरियादी ने उनसे इस बात की शिकायत की कि पिछले दो बार से आ रहे हैं, यह तीसरी बार है। इस पर मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद अधिकारियों के प्रति नाराजगी जताई। कहा भविष्य में इसकी पुनरावृति नहीं होनी चाहिए। जिस स्तर पर समस्या जाए उसका वहीं पर स्थाई हल दें। जनता दरबार मे सीएम के सामने महिला से धोखे से शादी कर उसके साथ जबरिया धर्म परिवर्तन कराए जाने का भी मामला पहुंचा। रामगढ़ताल इलाके की रहने वाली महिला ने सीएम योगी को बताया कि तीन वर्ष पूर्व कोतवाली इलाके के नखास पर रहने वाले अमीरूल हक नाम के व्यक्ति ने धोखे से उससे कोर्ट मैरिज कर ली और फिर अब उसका जबरिया धर्म परिवर्तन कराना चाहता है। सीएम ने तत्काल अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए। 

इसके अलावा सउदी अरब में मृत व्यक्ति का शव वतन वापस जाने सहित, अधिकारियों द्वारा मामलों में सही रिपोर्ट न दिए जाने और अधिकांश जमीनी विवाद और पुलिस से जुड़े मामले पहुंचे। गंभीर बीमारियों का पैसों के अभाव में इलाज नहीं हो पाने के मामलों को भी सीएम ने गंभीरता से लिया। जनता दरबार में करीब आधा दर्जन ऐसे मामले आए, जिसके परिजन किसी न किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, लेकिन पैसों के अभाव में उनका इलाज नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री ने ऐसे मामलों में फरियादियों को अस्पताल से इलाज का इस्टिमेट बनवाकर देने को कहा है। उन्होंने कहा कि रुपयों को अभाव में किसी भी गरीब का इलाज नहीं रूकेगा। ऐसे सभी गरीबों का इलाज सरकार की ओर से कराया जाएगा।

गोशाला में भी सीएम ने गुजारा समय

मुख्यमंत्री योगी अपनी दिनचर्या के अनुसार सुबह सबसे पहले नाथपंथ के आदि गुरु गोरक्षनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई और फिर अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। मंदिर परिसर का भ्रमण करने के बाद वे हमेशा की तरह गोशाला गए और करीबा आधा घंटा गायों के बीच गुजारा। उन्हें गुड़ भी खिलाया।

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