योगी आदित्यनाथ के मंत्री की मांग: तीन तलाक की तरह बुर्के पर लगे रोक, ये पूरी तरह अमानवीय

आनंद शुक्ला ने बुर्के पर बैन की मांग की है। उन्होंने इसे अमानवीय करार दिया।

Update: 2021-03-25 09:45 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अभी मस्जिद के लाउडस्पीकर को लेकर विवाद खत्म ही हुआ था कि अब मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने बयान दिया है कि जैसे तीन तलाक खत्म हुआ है, वैसे ही बुर्का पहनने का चलन भी खत्म होना चाहिए।

अमानवीय है बुर्का पहनना

उत्तर प्रदेश सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने बुधवार को कहा कि बुर्का महिलाओं के लिए अमानवीय व्यवहार है, साथ ही वहाबी मानसिकता यहां पर लागू न हो पाए ऐसे में बुर्का पहनने का रिवाज भी खत्म होना चाहिए। योगी सरकार के राज्य मंत्री ने बुधवार को बयान दिया है कि जिस तरह सरकार ने तीन तलाक को खत्म किया, वैसे ही बुर्का पहनने को भी खत्म कर देना चाहिए। मंत्री में कहा कि दुनिया के कई देशों में बुर्का पहनने पर रोक लग चुकी है। राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने बलिया के जिलाधिकारी को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने अजान के लिए इस्तेमाल होने वाले लाउडस्पीकर की आवाज़ घटाने की बात कही है। मंत्री का कहना है कि उन्हें इससे काफी दिक्कत होती है और कोर्ट के आदेश के मुताबिक आवाज को कम करना चाहिए।

लाउडस्पीकर को लेकर उठ चुका विवाद

बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में मस्जिद में अजान के लिए बजने वाले लाउडस्पीकर को लेकर विवाद हुआ था। प्रयागराज में इलाहाबाद केंद्रीय यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने स्थानीय प्रशासन को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने अजान की आवाज के कारण नींद में खलल होने की बात कही थी। प्रो. संगीता श्रीवास्तव की इस चिट्ठी पर काफी बवाल हुआ था और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने घोर आपत्ति दर्ज कराई थी। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने इस शिकायत पर एक्शन लेते हुए मस्जिद के लाउडस्पीकर की आवाज़ कम करवाई थी और उसका रुख भी बदलवा दिया था।

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