UP News: इटावा में बवाल, कथावाचक मामले में सड़क पर उतरी भीड़, पुलिस पर हमला

Update: 2025-06-26 11:11 GMT

इटावा में बवाल, कथावाचक मामले में सड़क पर उतरी भीड़, पुलिस पर हमला

उत्तरप्रदेश। इटावा में कथावाचक की पिटाई और उसके साथ हुई अभद्रता के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रोटेस्ट के बाद बवाल हो गया। यादव समाज संगठन के करीब 200 लोगों ने बकेवर थाना को घेर लिया। इसके बाद पुलिस पर पथराव शुरू हो गया। इस सब के चलते पुलिस की एक गाड़ी भी टूट गई है।

गुरुवार को कथा वाचक की जाति को लेकर चल रहे बवाल में इटावा में लोग सड़क पर निकल आए। लोगों ने बकेवर थाना का घेराव कर पुलिस की जीप में तोड़फोड़ और पथराव भी किया है। 21 जून को बकेवर के ददरपुर गांव में कथावाचक की जाति को लेकर बवाल हो गया था। गांव के लोगों ने कथावाचक की चोटी काटकर उसकी पिटाई की थी।

कथावाचक के खिलाफ एफआईआर के बाद बवाल :

इस मामले में पुलिस ने गांव के चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दूसरे पक्ष ने जब इटावा पुलिस से शिकायत की तो कथावाचक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई। इसी बात से नाराज सैकड़ो लोग आज सड़क पर निकल आए और हंगामा शुरू कर दिया।

कथावाचक और उनके साथियों को सपा अध्यक्ष ने पार्टी मुख्यालय बुलाया था :

बीते दिनों सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर बयान दिया था। जब उन्हें यह पता चला कि कथावाचक यादव हैं तो उनकी पिटाई की गई, नाक रगड़वाई गई और उनके बाल मूढ़ दिए गए तो उन्होंने कथावाचक और उनके साथियों को पार्टी मुख्यालय बुलाया।

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि, 'उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार की आलोचना की और सत्ता में बैठे लोगों पर अन्याय को जारी रखने और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय के सदस्यों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया।' उन्होंने सवाल उठाया कि केवल कुछ चुनिंदा लोगों को ही भगवद गीता का पाठ करने या उसकी व्याख्या करने की अनुमति क्यों है, उन्होंने कहा कि यह सभी की है और भगवान कृष्ण से जुड़ी है।

मामला इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव का था। यहां भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने के बाद बदसलूकी की गई। इस मामले पर अखिलेश यादव ने कहा था कि, 'पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई।'

'हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुध्द किया गया अपराध है। सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ़्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुक़दमा दर्ज़ किया जाए। अगर आगामी 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो हम ‘पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा’ के एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे। पीडीए के मान से बढ़कर कुछ नहीं।'

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